इंदौर, 13 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मध्य प्रदेश की नयी स्टार्टअप नीति की औपचारिक शुरुआत की। इस योजना का मकसद नये उद्यमों को प्रोत्साहित करना है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस नीति में स्टार्टअप उद्यमों के लिए कार्यस्थल के किराये, कर्मचारियों के वेतन तथा उत्पादों के पेटेंट को लेकर अनुदान और सरकारी खरीद में आरक्षण समेत कई आकर्षक सुविधाओं तथा रियायतों का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री ने राज्य की स्टार्टअप नीति के साथ ही एक ऑनलाइन पोर्टल का भी शुभारंभ किया, जिसके जरिए नये उद्यमों को स्टार्टअप नीति का फायदा पहुंचाया जाएगा। इस पोर्टल को केंद्र सरकार के संबंधित पोर्टल से जोड़ा गया है।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद थे और उन्होंने चार नये उद्यमों को वित्तीय सहायता दी।
उन्होंने बताया कि राज्य की अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए ‘‘स्टार्टअप इनोवेशन चैलेंज’’ जल्द ही शुरू किया जाएगा और इसमें चयनित उद्यमों को एक करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये उद्यमों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के चलते राज्य के स्टार्टअप को 26 जनवरी से लेकर अब तक कुल 700 करोड़ रुपये का वित्तपोषण मिल चुका है।
राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के सचिव पी नरहरि ने कहा कि अगर कोई नया उद्यम किराये की जगह पर चल रहा है, तो उसे इस नीति के तहत राज्य सरकार हर माह 5,000 रुपये किराये के लिए देगी। उन्होंने बताया कि चयनित स्टार्टअप को अधिकतम 25 कर्मचारियों के लिए प्रति कर्मचारी 5,000 रुपये का मासिक वेतन भत्ता दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप उद्यमों को उनके कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए भी अलग से भत्ता दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य में केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त 1,937 स्टार्टअप हैं, जिनमें से 45 प्रतिशत उद्यम महिलाएं चला रही हैं।
भाषा हर्ष राजकुमार पाण्डेय
पाण्डेय
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