शिलॉन्ग, आठ मई (भाषा) मेघालय सरकार कुट्टू की खेती पर बड़ा दांव लगा रही है। प्रदेश सरकार का इरादा अगले कुछ साल में राज्य में कुट्टू की खेती का दायरा बढ़ाकर 1,000 एकड़ करने का है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि जमीन और मौसमी परिस्थितियां राज्य में इस नकदी फसल की खेती के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले नौ-दस माह में राज्य में कुट्टू खेती का क्षेत्रफल चार एकड़ से बढ़कर 100 एकड़ पर पहुंच गया है।
मेघालय के किसान (सशक्तीकरण) आयोग के चेयरमैन के एन कुमार ने यहां एक खाद्य प्रदर्शनी के मौके पर अलग से बातचीत में कहा, ‘‘कुट्टू एक ‘सुपरफूड’ है और इसमें मूल्यवान पोषक तत्व होते हैं। अगले दो से तीन साल में हम कुट्टू खेती का क्षेत्रफल बढ़ाकर 1,000 एकड़ करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि मेघालय की जमीन और मौसमी परिस्थितियां इस नकदी फसल की खेती के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हैं।
उन्होंने कहा कि इस फसल के रखरखाव की लागत ऊंची नहीं है। इससे राज्य के किसानों को अतिरिक्त आय हो सकती है।
राज्य में कुट्टू की खेती 2019 में शुरू हुई थी। इसके लिए पहला बीज उत्तराखंड के अल्मोड़ा से लाया गया था। राज्य में इसकी खेती परीक्षण के तौर पर शुरू की गई थी, लेकिन तूफान अम्फान की वजह से इसमें बाधा आई थी।
कुमार ने बताया कि पिछले साल अगस्त में पूर्वी खासी हिल्स में इस फसल को उगाने के लिए चार एकड़ जमीन दी गई थी। यह पहल काफी सफल रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य इस साल कुट्टू के 500 टन उत्पादन की उम्मीद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से कुट्टू 40 रुपये किलो के भाव खरीद रही है। इस फसल की मांग जापान और दुनिया के अन्य हिस्सों में है।
भाषा अजय अजय मानसी
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