मुंबई, चार मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल में हुए व्यापार समझौतों और भू-राजनीतिक हालात के चलते भारत के लिए संभावित बाजार के अवसर खुले हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाधाओं के बीच भारत का विदेश व्यापार जुझारू बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अस्थायी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल, 2022 में वस्तुओं का निर्यात मजबूत रहा तथा मार्च, 2022 में सेवा निर्यात नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
दास ने तय योजना के बिना आयोजित नीतिगत बैठक में कहा, ‘‘भूराजनीतिक हालात और हालिया व्यापार समझौतों के कारण संभावित बाजार के अवसर खुल गए हैं। प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों द्वारा मजबूत आय पूर्वानुमान भी 2022-23 में समग्र बह्य व्यापार के लिए अच्छा है।’’
उन्होंने कहा कि जिंसों की ऊंची कीमतों के चलते कारोबारी दशाओं की स्थिति बिगड़ने का असर 2022-23 में चालू खाते के घाटे पर पड़ सकता है, लेकिन इसे आसानी से वित्तपोषित करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि हाल में कुछ सुस्ती के बावजूद शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह मजबूत बना हुआ है, बाह्य वाणिज्यिक कर्ज जैसे दीर्घकालिक प्रवाह भी स्थिर हैं, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत स्थिति में है और बाह्य ऋण- जीडीपी अनुपात भी 20 प्रतिशत के निचले स्तर पर है।
दास ने नकदी के संबंध भरोसा दिया कि आरबीआई ऋण उठाव और वृद्धि के समर्थन में अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा।
भाषा पाण्डेय अजय
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