नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) भारत और मालदीव ने दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के स्थानांतरण को लेकर पारेषण व्यवस्था स्थापित करने की योजना बनायी है।
बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह तथा मालदीव की पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी मंत्री अमीनाथ शौना की दिल्ली में बैठक के दौरान इस प्रस्ताव पर चर्चा की गयी।
बिजली मंत्रालय के मंगलवार को जारी बयान में कहा कि सिंह ने बांग्लादेश सरकार के 2030 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के संकल्प की सराहना की।
इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का प्रस्ताव रखा। पहला, ऊर्जा सहयोग पर और दूसरा एक सूर्य, एक दुनिया, एक ग्रिड (ओएसओडब्ल्यूओजी) के तहत ‘ट्रांसमिशन इंटरकनेक्शन’ से जुड़ा है।
बयान के अनुसार, मालदीव के विद्युत बदलाव कार्यक्रम को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से नवीकरणीय ऊर्जा स्थानांतरण के लिए पारेषण ‘इंटरकनेक्शन’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।
पारेषण व्यवस्था पर समझौता ज्ञापन के लिये समझौते का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसके तहत भारत से एक दल मालदीव की तकनीकी व्यवहार्यता का आकलन करने लिये वहां जाएगा।
बयान के अनुसार, उसके बाद भारत और मालदीव की एजेंसियां संयुक्त रूप से एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेंगी। इसमें माले में समुद्र के भीतर तार बिछाने के रास्ते को लेकर सर्वे और नेटवर्क को मजबूत बनाना शामिल है।
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रमण अजय
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