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Friday, 17 May, 2024
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जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के पार, अप्रैल में रिकॉर्ड 2.10 लाख करोड़ रुपये

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नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) देश का सकल जीएसटी संग्रह अप्रैल में सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। घरेलू लेनदेन तथा आयात में मजबूत वृद्धि से यह संग्रह बढ़ा है।

यह पहला मौका है जब किसी महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह दो लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सकल जीएसटी संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है, जो घरेलू लेनदेन (13.4 प्रतिशत वृद्धि) और आयात (8.3 प्रतिशत वृद्धि) में मजबूत वृद्धि के दम पर संभव हो पाया।’

मूल रूप से बेची गई वस्तुओं और दी गई सेवाओं पर लगने वाला कर जीएसटी मार्च के महीने में 1.78 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा जबकि एक साल पहले अप्रैल 2023 में यह 1.87 लाख करोड़ रुपये था।

सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस उपलब्धि को हासिल करने में राजस्व विभाग के केंद्रीय व राज्य अधिकारियों तथा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के ‘‘ईमानदार और सहयोगात्मक प्रयासों’’ की सराहना की।

कर विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल में मजबूत जीएसटी राजस्व एक बढ़ती अर्थव्यवस्था, कंपनियों के स्तर पर अनुपालन पर जोर देने और समय पर लेखा परीक्षा एवं जांच के अलावा विभाग के स्तर पर उठाए गए कदमों को दर्शाता है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, पिछले महीने केंद्रीय जीएसटी संग्रह 43,846 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी संग्रह 53,538 करोड़ रुपये रहा। एकीकृत जीएसटी 99,623 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 37,826 करोड़ रुपये शामिल हैं।

अप्रैल में कुल उपकर संग्रह 13,260 करोड़ रुपये रहा, जिसमें आयातित वस्तुओं पर संग्रहित 1,008 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने एकीकृत जीएसटी संग्रह से केंद्रीय जीएसटी के लिए 50,307 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी के लिए 41,600 करोड़ रुपये का निपटान किया।

सीतारमण ने ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘एकीकृत जीएसटी निपटान के बाद राज्यों को कोई बकाया लंबित नहीं है।’’

‘रिफंड’ के बाद अप्रैल 2024 के लिए शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 15.5 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है।

डेलॉयट इंडिया में साझेदार महेश जयसिंह ने कहा कि जीएसटी संग्रह में लगातार बढ़ोतरी होने से जीएसटी प्रणाली में दूसरे दौर के सुधारों की दिशा में बढ़ने का मंच तैयार हो गया है।

टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज में साझेदार विवेक जालान ने कहा कि जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के शुरुआती दौर में इसका औसत मासिक संग्रह करीब 0.90 लाख करोड़ रुपये था लेकिन अब यह 2.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इस तरह जीएसटी राजस्व में औसतन 13 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के साझेदार प्रतीक जैन ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद जीएसटी सुधारों को लेकर और कदम उठाने से जीएसटी संग्रह में तेजी आ सकती है। इससे सरकार को दरों को युक्तिसंगत बनाने या एटीएफ और प्राकृतिक गैस जैसे अन्य उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने जैसे साहसिक निर्णय लेने में भी मदद मिल सकती है।

ईवाई के कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी संग्रह उभरते आर्थिक परिदृश्य के बीच कर प्रणाली के मजबूत जुझारूपन को दर्शाता है।

भाषा निहारिका प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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