नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा सोमवार को जारी एक नए श्वेत पत्र में कहा गया है कि रसायन उद्योग में ‘कम कार्बन उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकियों’ (एलसीईटी) का विकास और उन्नयन जलवायु परिवर्तन से निपटने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह काम राजनीतिक और कानूनी वजहों से प्रभावित हो रहा है।
डब्ल्यूईएफ ने यूरोपीय संघ, अमेरिका, चीन, जापान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ब्रिटेन जैसे सात क्षेत्रों के एलसीईटी नीति पर प्रभाव को लेकर जारी नए सूचक में कहा कि ये सात देश कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में लगभग 50 प्रतिशत के लिए संयुक्त रूप से जिम्मेदार हैं।
डब्ल्यूईएफ के ऊर्जा, सामग्री और बुनियादी ढांचा कार्यक्रम प्रमुख जॉर्गन सैंडस्ट्रॉम ने कहा, ‘कम कॉर्बन उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकियों को तैनात करने के लिए जटिल नीतियों के सेट की जरूरत है जिससे मूल्य श्रृंखला में बदलाव लाया जा सके।’’
विश्व आर्थिक मंच ने उम्मीद जताई कि नीति सूचक, कम कार्बन उत्सर्जन वाली परियोजनाओं की दिशा में उद्योग को निर्णय लेने मदद प्रदान करेगा और जलवायु परिवर्तन से निपटने वाली प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने वाली नीतियों के निर्माण में मददगार होगा।
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