scorecardresearch
Tuesday, 19 November, 2024
होमदेशअर्थजगतजम्मू-कश्मीर, लद्दाख में 56 स्वायत्त निकायों ने कई दशकों से ऑडिट के लिए बहीखाते नहीं दिए: कैग

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में 56 स्वायत्त निकायों ने कई दशकों से ऑडिट के लिए बहीखाते नहीं दिए: कैग

Text Size:

जम्मू, 28 अप्रैल (भाषा) भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 56 स्वायत्त निकायों ने पिछले कई दशकों से ऑडिट के लिए अपने बहीखाते नहीं दिए हैं। इन निकायों में जम्मू विकास प्राधिकरण शामिल है।

कैग ने कहा कि बहीखाते देने में देरी से ‘‘धोखाधड़ी’’ और ‘‘गड़बड़ी’’ की आशंका को बल मिलता है।

कैग ने बताया कि इन निकायों की गतिविधियों और वित्तीय प्रदर्शन पर पिछले कई वर्षों से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

कैग ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘कैग (डीपीसी) अधिनियम 1971 की धारा 14 के तहत अक्टूबर, 2019 तक इन 56 स्वायत्त निकायों के कुल 811 वार्षिक खातों का ऑडिट किया जाना था।’’

कैग ने कहा कि ऑडिट के लिए वार्षिक लेखा प्रस्तुत करने के मामले को बार-बार इन निकायों के साथ उठाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ऑडिट के लिए लंबित खातों के मामले में इन सभी निकायों में सबसे ऊपर है। जेडीए के खाते ऑडिट के लिए पिछले 46 वर्षों से लंबित हैं।

इसके बाद श्रीनगर नगर निगम का स्थान हैं, जिसके खाते 31 साल से लंबित हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खाते 24 वर्षों से लंबित हैं। इसके अलावा श्रीनगर विकास प्राधिकरण (एसडीए), जम्मू शहरी विकास एजेंसी (जेयूडीए) और पर्यटन विकास प्राधिकरण गुलमर्ग के खाते भी कई वर्षों से ऑडिट के लिए लंबित हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments