नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) उद्योग संगठन फिक्की ने सरकार से अनुरोध किया है कि घरेलू इस्पात उद्योग को अपने ऑर्डर पूरे करने के लिए तीन महीने की मोहलत दी जाए।
इस्पात के कुछ उत्पादों पर निर्यात शुल्क लगाने के सरकार के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए फिक्की की इस्पात समिति में सह-अध्यक्ष वी आर शर्मा ने कहा, ‘‘मेरा सुझाव है कि कम-से-कम तीन महीने का वक्त दिया जाना चाहिए ताकि जो ऑर्डर लिए जा चुके हैं उनकी आपूर्ति की जा सके।’’
शर्मा जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड में प्रबंध निदेशक भी हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि करीब 20 लाख टन इस्पात के ऑर्डर लिए जा चुके हैं जिनके लिए ऋण अनुरोध या बिक्री अनुबंध किए जा चुके हैं। अब कर लगाने से इन ऑर्डर की मौजूदा दरों पर आपूर्ति प्रभावित होगी।
सरकार ने शनिवार को कुछ कच्चे माल पर सीमा शुल्क समाप्त करने की भी घोषणा की जिसमें कोकिंग कोयला और फेरोनिकल शामिल हैं। इनका इस्तेमाल इस्पात उद्योग द्वारा किया जाता है। इस कदम से घरेलू इस्पात उद्योग के लिए लागत घटेगी और कीमतें नीचे आएंगी।
इसके अलावा घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क 50 प्रतिशत बढ़ाया गया है। वहीं कुछ अन्य इस्पात के मध्यवर्ती सामान पर इसमें 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
भाषा मानसी प्रेम
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