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Saturday, 16 November, 2024
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कोयला से चलने वाले बिजलीघरों का उत्पादन मार्च में बढ़ा

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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) कोयला आधारित बिजलीघरों का उत्पादन मार्च महीने में सालाना आधार पर 3.12 प्रतिशत बढ़कर 10,027.6 करोड़ यूनिट रहा।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तापीय बिजलीघरों से विद्युत उत्पादन एक साल पहले इसी महीने में 9,723.8 करोड़ यूनिट था। इस साल फरवरी में यह 8,553.4 करोड़ यूनिट था।

देश में बिजली उत्पादन में कोयला आधारित बिजलीघरों की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक है। जबकि कुल कोयला खपत में इन बिजलीघरों की हिस्सेदारी करीब 75 प्रतिशत है।

कोयला मंत्रालय के मासिक आंकड़ों (अस्थायी) के अनुसार, कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से उत्पादन में इस साल मार्च में मार्च, 2020 के मुकाबले 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह मार्च, 2021 के मुकाबले 3.12 प्रतिशत अधिक है।

इस साल मार्च में कुल मिलाकर बिजली उत्पादन (सभी स्रोतों से) मार्च, 2020 के मुकाबले 29.02 प्रतिशत अधिक है। जबकि मार्च, 2021 के मुकाबले 6.35 प्रतिशत ज्यादा है।

मंत्रालय के अनुसार, ‘‘कुल बिजली उत्पादन बढ़कर मार्च, 2022 में 13,358.4 करोड़ यूनिट हो गया, जो फरवरी, 2022 में 11,253.1 करोड़ यूनिट था।’’

इस बीच, पारा चढ़ने के साथ बिजली की बढ़ती मांग के बीच कोयले की कमी की रिपोर्ट है।

हाल ही में महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कोयला आपूर्ति और रेलवे रैक के मामले में केंद्र पर खराब प्रबंधन का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य में कोयले की कमी का दावा किया।

कोयला मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र को इस महीने पिछले माह के मुकाबले केंद्र से ज्यादा कोयला मिला है। मांग बढ़ने के साथ कोयले की आपूर्ति बढ़ी है।

मंत्रालय के अनुसार, गैस आधारित बिजलीघरों और जलविद्युत संयंत्रों में कुछ मुद्दे हो सकते हैं लेकिन जहां तक कोयले की बात है, कोई समस्या नहीं है।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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