(नीलाभ श्रीवास्तव)
नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने पूंजी बाजारों, बीमा कंपनियों, ऑनलाइन भुगतान गेटवे मध्यवर्तियों और क्रिप्टो मुद्रा सेवा प्रदाताओं के लिए ताजा चेतावनी जारी की है।
यह चेतावनी धन शोधन रोधी और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण व्यवस्था के तहत इनके चैनलों में संदिग्ध लेनदेन की प्रभावी जांच के लिए जारी की गई है।
ये नए दिशानिर्देश 2022-23 वित्त वर्ष के दौरान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जारी किए गए हैं। इन्हें हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट पीटीआई-भाषा ने देखी है।
ये दिशानिर्देश धन शोधन विरोधी (एएमएल) और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने (सीएफटी) व्यवस्था का हिस्सा है। इसके अनुसार वित्तीय संस्थानों और बिचौलियों को संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) को एफआईयू के साथ साझा करना अनिवार्य है।
एफआईयू बाद में इनका विश्लेषण करती है और उन्हें विभिन्न जांच तथा खुफिया एजेंसियों के साथ कार्रवाई के लिए साझा किया जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन पूरक दिशानिर्देशों ने प्रतिभूति बाजार लेनदेन के संबंध में एफआईयू को जानकारी हासिल करने के तरीके में एक रणनीतिक बदलाव किया है।
ये चेतावनी संकेतक बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) – शेयर बाजार और डिपॉजिटरी – में उभरते जोखिमों का समाधान करेंगे।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
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