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Tuesday, 19 November, 2024
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एचडीएफसी का चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 16 प्रतिशत बढ़कर 3,700 करोड़ रुपये पर

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नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) देश की सबसे बड़ी आवास ऋण कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का जनवरी-मार्च, 2022 को समाप्त बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही का एकल शुद्ध लाभ 16 प्रतिशत बढ़कर 3,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी केकी मिस्त्री ने सोमवार को विश्लेषकों के साथ चर्चा में कहा कि कम ब्याज दरें होने से कर्ज का आवंटन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने और कोष की लागत कम होने से कंपनी का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।

कंपनी को चौथी तिमाही में 3,700 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध लाभ हुआ है। इससे एक साल पहले की इसी अवधि में कंपनी ने 3,180 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

पूरे वित्त वर्ष 2021-22 के लिए एचडीएफसी का शुद्ध लाभ 13,742 करोड़ रुपये रहा जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह 12,027 करोड़ रुपये रहा था।

वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 12,308.46 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 11,707.53 करोड़ रुपये थी।

चौथी तिमाही में एकीकृत आधार पर कंपनी का शुद्ध लाभ 21.6 प्रतिशत बढ़कर 6,892 करोड़ रुपये हो गया, जो जनवरी-मार्च, 2021 में 5,669 करोड़ रुपये रहा था।

हालांकि, एकीकृत आधार पर कंपनी की आय चौथी तिमाही में मामूली गिरावट के साथ 35,060 करोड़ रुपये पर आ गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह 35,754 करोड़ रुपये रही थी।

इस बीच, एचडीएफसी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रति शेयर 30 रुपये का लाभांश देने की सिफारिश की है। लाभांश भुगतान अनुपात 40 प्रतिशत रखा गया है।

वित्त वर्ष 2021-22 में ऋणों का व्यक्तिगत अनुमोदन एवं वितरण क्रमशः 38 प्रतिशत और 37 प्रतिशत बढ़ गया।

मिस्त्री ने कहा कि ऋण की मांग में दर्ज की गई तेजी के आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। उन्होंने मार्च में रिकॉर्ड 24,967 करोड़ रुपये की कर्ज वितरण का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तिमाही की 94 फीसदी कर्ज सिर्फ एक महीने में ही दिया गया।

उन्होंने कहा कि खुदरा कर्जों ने ऋण वृद्धि में अहम भूमिका निभाई। ऋण की लागत में 0.33 फीसदी की गिरावट आने से कंपनी का ब्याज मार्जिन सुधारने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि 29 फीसदी आवासीय कर्ज किफायती श्रेणी के रहे हैं।

वास्तविक संदर्भों में एचडीएफसी का सकल फंसा कर्ज 10,741 करोड़ रुपये रहा जो उसके कुल ऋण पोर्टफोलियो का सिर्फ 1.91 फीसदी है। तीसरी तिमाही में यह 2.32 फीसदी था।

इसकी वजह से कंपनी का फंसे कर्जों के लिए वित्तीय प्रावधान भी घटकर 13,506 करोड़ रुपये पर आ गया।

भाषा प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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