मुंबई, 25 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुमति के बगैर प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) जारी करने वाली कंपनी टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को ग्राहकों के वॉलेट में पड़ी प्रीपेड राशि वापस करने का निर्देश दिया है।
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को एक बयान में लोगों को वेबसाइट/एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते समय और इस तरह की किसी भी अनधिकृत इकाई को अपना पैसा देते समय अत्यधिक सावधानी बरतने को लेकर आगाह भी किया।
उसने कहा कि लोगों को कहीं भी पैसे देने के पहले यह संतुष्टि कर लेनी चाहिए कि संबंधित वेबसाइट/एप्लिकेशन या इकाई अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अधिकृत है।
रिजर्व बैंक के संज्ञान में आया था कि गुरुग्राम स्थित टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत जरूरी मंजूरी लिए बगैर ही अपनी वेबसाइट और ‘टॉकचार्ज’ ऐप के जरिये पीपीआई जारी कर रही है।
केंद्रीय बैंक ने दो अप्रैल को जारी आदेश में कंपनी को प्रीपेड भुगतान उत्पाद या वॉलेट जारी करने और संचालन रोकने के साथ ही 15 दिनों के भीतर वॉलेट में रखी राशि वापस करने को कहा था। लेकिन कंपनी के अनुरोध पर राशि वापसी की समय सीमा को बढ़ाकर 17 मई, 2024 कर दिया गया है।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को कंपनी से मिले कैशबैक पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उसने टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज को सिर्फ वॉलेट में पड़ी प्रीपेड राशि लौटाने का निर्देश दिया है।
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