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सोमवार, 9 जून, 2025
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आईटी क्रांति की शुरुआत के वक्त बड़े घोटालों, नीतिगत लकवे से युवाओं के सपने तबाह हो गए थे : मोदी

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इंदौर, 13 मई (भाषा) कांग्रेस की पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में 1990 के दशक के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्रांति से बने माहौल को भुनाया नहीं जा सका और बड़े घोटालों, नीतिगत लकवे तथा भाई-भतीजावाद के चलते युवाओं की एक समूची पीढ़ी के सपने तबाह हो गए थे।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा तय दिशा में स्पष्ट लक्ष्य और सोची-समझी रणनीति के साथ शुरू किए गए प्रयासों के कारण पिछले आठ साल के दौरान देश में मान्यताप्राप्त स्टार्टअप की तादाद 300-400 से बढ़कर करीब 70,000 पर पहुंच गई है और हर आठ से 10 दिन के भीतर एक स्टार्टअप ‘‘यूनिकॉर्न’’ में तब्दील हो रहा है यानी इस कम्पनी का मूल्यांकन बढ़कर 7,000 करोड़ रुपये का स्तर पार कर रहा है।

मोदी ने मध्य प्रदेश सरकार की नयी स्टार्टअप नीति और इसकी कार्यान्वयन योजना की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये औपचारिक शुरुआत के दौरान नये उद्यमियों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

उन्होंने कहा,‘‘वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार आई थी, तब देश में स्टार्टअप की तादाद 300-400 तक सीमित थी और उद्योग जगत के तकनीकी गलियारों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में स्टार्टअप की चर्चा तक नहीं होती थी। लेकिन आठ साल के छोटे-से कालखंड के बाद आज देश में करीब 70,000 सरकारी मान्यताप्राप्त स्टार्टअप हैं और हमारा देश दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बन चुका है।’’

मोदी ने कहा,‘‘भारत के युवाओं में नवाचारी विचारों से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है और इसका अनुभव हमने देश की आईटी क्रांति के शुरुआती दौर में भी किया। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उस दौर में हमारे युवाओं को (सरकार द्वारा) जरूरी प्रोत्साहन और समर्थन नहीं दिया गया।’’

उन्होंने 1990 के दशक की ओर साफ इशारा करते हुए कहा कि देश में आईटी क्रांति से बने माहौल को सही दिशा दिए जाने की जरूरत थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘हमने देखा कि एक पूरा दशक बड़े-बड़े घोटालों, नीतिगत लकवे और भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़ गया जिससे एक समूची पीढ़ी के सपने तबाह हो गए जबकि उस समय भी हमारे युवाओं के पास नवाचारी विचार थे। लेकिन ये विचार पहले की सरकारों के कार्यकाल के दौरान उचित नीतियों के अभाव में उलझकर रह गए।’’

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने नीतिगत प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचे के विकास और सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के जरिये नवाचार के लिए युवाओं की मानसिकता में बदलाव किया, जिससे आज स्टार्टअप आम लोगों की रोजमर्रा की बातचीत का हिस्सा और सामान्य भारतीय नौजवान के सपने पूरे करने का सशक्त माध्यम बन गए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार के जेम पोर्टल पर 13,000 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं और इन नये उद्यमों ने पोर्टल के जरिये कुल 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया है।

मोदी ने देश के छोटे शहरों और कस्बों तक स्टार्टअप के तेज विस्तार को रेखांकित करते हुए कहा कि मौजूदा स्टार्टअप 50 से ज्यादा उद्योगों से जुड़े हैं और कृषि, खुदरा कारोबार व स्वास्थ्य के क्षेत्रों में लगातार नये उद्यम उभर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने युवा उद्यमियों से अपील की कि वे अंतरिक्ष तकनीकी, हरित ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, पर्यटन, खिलौना निर्माण, मोबाइल गेमिंग, खेलों आदि क्षेत्रों के अवसरों को भुनाने के लिए नवाचारी उपक्रम तैयार करें और कुटीर उद्योगों, हथकरघा बुनकरों और आदिवासियों के बनाए उत्पादों को बढ़ावा भी दें।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मोदी द्वारा पेश स्टार्टअप नीति में नये उद्यमों के लिए कार्यस्थल के किराये, कर्मचारियों के वेतन तथा उत्पादों के पेटेंट को लेकर अनुदान और सरकारी खरीद में आरक्षण समेत कई आकर्षक सुविधाओं तथा रियायतों का प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री ने उस ऑनलाइन पोर्टल को लोकार्पित किया, जिसके जरिये नये उद्यमों को राज्य की स्टार्टअप नीति का फायदा पहुंचाया जाएगा। इस पोर्टल को केंद्र सरकार के संबंधित पोर्टल से जोड़ा गया है।

मोदी ने इस मौके पर सूबे के चुनिंदा स्टार्टअप उद्यमियों के साथ संवाद भी किया और उनसे उनके कामकाज की जानकारी ली।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर में मौजूद रहे और उन्होंने चार नये उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान की।

उन्होंने बताया कि राज्य की अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए ‘‘स्टार्टअप इनोवेशन चैलेंज’’ जल्द ही शुरू किया जाएगा और इसमें चयनित उद्यमों को एक करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि नये उद्यमों के लिए अनुकूल वातावरण बनाए जाने के चलते सूबे के स्टार्टअप को 26 जनवरी से लेकर आज तक कुल 700 करोड़ रुपये का वित्तपोषण मिल चुका है।

भाषा हर्ष राजकुमार पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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