नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का बीते वित्त वर्ष की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही का शुद्ध लाभ 31.4 प्रतिशत घट गया।
कंपनी ने मंगलवार को बताया कि पेट्रोरसायन कारोबार में मार्जिन घटने और वाहन ईंधन की बिक्री पर नुकसान के कारण ऐसा हुआ।
कंपनी ने जनवरी-मार्च में 6,021.88 करोड़ रुपये या 6.56 रुपये प्रति शेयर का एकल शुद्ध लाभ दर्ज किया। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 8,781.30 करोड़ रुपये या 9.56 रुपये प्रति शेयर था।
हालांकि, मुनाफा इससे पिछली तिमाही के 5,860.80 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक रहा।
तेल कीमतों में उछाल के साथ परिचालन आय मार्च तिमाही में बढ़कर 2.06 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.63 लाख करोड़ रुपये थी।
कंपनी के बोर्ड ने 1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की सिफारिश की है। इसके तहत प्रत्येक दो मौजूदा इक्विटी शेयरों के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य का एक नया बोनस शेयर दिया जाएगा।
बोर्ड ने 3.60 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का अंतिम लाभांश (बोनस से पहले) भी घोषित किया।
कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रिकॉर्ड 30,443.93 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उसने एकल आधार पर 7.28 लाख करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जो अन्य भारतीय कंपनियों की तुलना में सबसे अधिक है।
आईओसी ने कहा सीपीसीएल जैसी अनुषंगी कंपनियों की कमाई को शामिल करने के बाद कंपनी की एकीकृत आय 7.36 लाख करोड़ रुपये है।
इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसी महीने 2021-22 में 7.92 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की जानकारी दी थी। यह किसी भारतीय कंपनी का सबसे ऊंचा राजस्व है। लेकिन इसमें जीएसटी भी शामिल है जो कंपनी ने उत्पादों की बिक्री पर सरकार की ओर से जुटाया है। इसे सरकार को स्थानांतरित किया जाना है। आईओसी की आमदनी में जीएसटी शामिल नहीं है।
भाषा जतिन अजय
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