नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) सरकार मौजूदा विस्फोटक अधिनियम 1884 को एक नए कानून से बदलने की योजना बना रही है। इस पहल का मकसद इस क्षेत्र में कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने प्रस्तावित मसौदा विस्फोटक विधेयक 2024 पर विचार मांगे हैं।
विस्फोटकों में बारूद, नाइट्रोग्लिसरीन, नाइट्रोग्लाइकोल, डाइ-नाइट्रो-टोल्यूनि और पिक्रिक एसिड शामिल हैं।
मसौदा विधेयक में प्रावधानों के उल्लंघन पर जुर्माना बढ़ाने की बात कही गई है। इसमें लाइसेंस देने की प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करने का भी प्रस्ताव है।
प्रस्तावित विस्फोटक विधेयक 2024 में कहा गया है कि केंद्र सरकार नए अधिनियम के तहत लाइसेंस देने, निलंबित करने या रद्द करने और कुछ अन्य कार्य करने के लिए सक्षम प्राधिकारी को नियुक्त करेगी।
भाषा पाण्डेय रमण
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