नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) केंद्र ने सोमवार को जोर देकर कहा कि मौजूदा खरीफ (गर्मी की बुवाई) सत्र के दौरान उर्वरकों की उपलब्धता अनुमानित मांग से अधिक है। किसानों को अत्यधिक रियायती दरों पर फसल पोषक तत्व (उर्वरक) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चालू वित्त वर्ष में सरकार की सब्सिडी की राशि लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है।
केंद्र ने आगे कहा कि वह फसल पोषक तत्वों की जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। उसने राज्यों से उर्वरकों की आवाजाही की निगरानी करने को कहा। राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे किसानों को सटीक जानकारी प्रदान करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई घबराहटपूर्ण खरीदारी की स्थिति नहीं पैदा हो।
एक सरकारी बयान के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने संयुक्त रूप से राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों के साथ उर्वरकों की स्थिति पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर मांडविया ने कहा, ‘‘यूरिया, डीएपी और एनपीके और अन्य उर्वरकों की आपूर्ति में सरकार की सक्रिय पहल के साथ मौजूदा समय में हमारे पास इस खरीफ मौसम के लिए मांग की तुलना में उर्वरकों की आपूर्ति के लिए अधिक स्टॉक है।’’
उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे किसानों को उपलब्धता के संबंध में पर्याप्त और सटीक जानकारी प्रदान करते रहें और घबराहटपूर्ण खरीद की स्थिति पैदा ना करें और न ही उर्वरक स्टॉक से संबंधित गलत सूचना दें।
मांडाविया ने कहा कि महामारी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद केंद्र ने सब्सिडी बढ़ाकर उर्वरक की कीमतें सस्ती रखने में कामयाबी हासिल की है ताकि किसानों को नुकसान न हो।
उन्होंने कहा, ‘इस साल किसानों को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। हमें योजना बनानी चाहिए ताकि उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल हो सके।’
पिछले वित्त वर्ष में कुल उर्वरक सब्सिडी लगभग 1.62 लाख करोड़ रुपये थी।
भाषा राजेश राजेश अजय
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