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Monday, 23 December, 2024
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सभी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां देश के कानून का करती हैं पालनः एडीएसईआई

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नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) सीधे ग्राहकों को अपने उत्पाद बेचने वाली (डायरेक्ट सेलिंग) कंपनियों के संगठन एडीएसईआई ने मंगलवार को कहा कि उसके सभी सदस्य पारदर्शिता रखने के साथ ही देश में निर्धारित नियामकीय ढांचे के भीतर सख्त दिशानिर्देशों के अनुरूप काम करते हैं।

एडीएसईआई ने यह बयान एमवे इंडिया की 757 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को जब्त किए जाने के एक दिन बाद जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को एमवे के खिलाफ यह कार्रवाई की है।

संगठन ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में अब डिजिटल लेनदेन के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जो सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम के अनुरूप ही है। इससे देश में कारोबार के तरीकों में भी काफी स्पष्टता आ रही है।

एजीएसईआई के सचिव हेम पांडे ने एक बयान में कहा, ‘‘कड़े दिशानिर्देशों और नियामकीय ढांचे के अनुरूप इस उद्योग के सभी सदस्य पारदर्शिता और अनुपालन बनाए रखने के लिए काम करते हैं। उद्योग और इसके हितधारक भारतीय कानून में अपना विश्वास रखते हैं और इसका पालन करते हैं।’’

खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पूर्व सचिव पांडे ने कहा कि महामारी के दौरान लगे आर्थिक झटके के बावजूद डायरेक्ट सेलिंग उद्योग तेजी से बढ़ा है जिससे देश के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में भी बड़ी आबादी के लिए आर्थिक अवसर पैदा हुए हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कहा था कि एमवे इंडिया डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड ‘धोखाधड़ी’ के जरिये एक ‘घोटाला’ कर रही है।

हालांकि, एमवे ने अपने बयान में प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई को 2011 के एक मामले की जांच से संबंधित बताते हुए कहा है कि वह जांच एजेंसी के साथ लगातार सहयोग कर रही है।

भाषा प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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