मुंबई, 23 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तक कपिल वधावन एवं धीरज वधावन ने संदिग्ध लेनदेन के जरिए 5,050 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
ईडी ने धनशोधन के मामले में यहां की विशेष अदालत में हाल में राणा कपूर, उनके परिवार और वधावन बंधुओं तथा अन्य के खिलाफ दूसरा पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया जिसमें उसने हेराफेरी का यह आरोप लगाया है।
इसके मुताबिक, जांच के दौरान जांच एजेंसी को यह पता चला कि गबन की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा राणा कपूर द्वारा विदेशों में ले जाया गया जिसकी वजह से वह धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत सीधे कुर्की के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
आरोप-पत्र में कहा गया, ‘‘राणा कपूर, डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन, धीरज वधावन एवं अन्य ने मिलकर आपराधिक साजिश की और संदिग्ध लेनदेन के जरिए 5,050 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।’’
ईडी ने कहा कि जांच में यह भी पता चला कि 2018 में अप्रैल-जून के दौरान यस बैंक ने डीएचएफएल के डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किए थे। यह राशि डीएचएफएल को भेज दी गई। इसके बाद डीएचएफएल ने राणा कपूर और उनके परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी डीओआईटी अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को 600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया।
जांच में पता चला कि इन अल्पकालिक डिबेंचरों की खरीद के लिए यस बैंक ने जनता के पैसे का इस्तेमाल किया था। हालांकि डिबेंचर को अभी तक भुनाया नहीं गया है।
ईडी ने कहा कि डीएचएफएल ने कपूर के स्वामित्व वाली कंपनी डीयूवीपीएल को 600 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज देकर इस पूरी गतिविधि पर पर्दा डालने की कोशिश की।
जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि राणा कपूर ने अपने और अपने परिजनों के लिए अनुचित वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।’’
भाषा मानसी प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.