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Saturday, 16 November, 2024
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मौद्रिक नीति घोषणाओं को अब अधिक तत्परता से लागू कर रहे हैं बैंक : आरबीआई लेख

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मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणाओं को अब बैंकों द्वारा लागू करने में तत्परता दिखाई जा रही है। केंद्रीय बैंक इस बारे में लगातार प्रयास करता रहा है जिसके नतीजे अब दिखने लगे हैं। अक्टूबर, 2019 में ईबीएलआर व्यवस्था अपनाए जाने के बाद खासतौर पर इसमें तेजी आई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को जारी अपने अप्रैल बुलेटिन में कहा है कि मौद्रिक कदमों को बैंकों के स्तर पर लागू करने की रफ्तार में आगे और मजबूती आने की उम्मीद है।

आरबीआई के इस लेख के मुताबिक, मौद्रिक नीति के ऋण एवं जमा दरों से संबंधित कदमों को लागू किए जाने की दर बाह्य मानक संबद्ध ऋण दर (ईबीएलआर) व्यवस्था लागू किए जाने के बाद बढ़ी है। इसमें केंद्रीय बैंक के उदार रुख अपनाने और अधिशेष तरलता की स्थिति से भी मदद मिली है।

पहले आंतरिक मानक आधारित कर्ज दर व्यवस्था को बुनियादी दर की गणना में मनमानेपन जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

आरबीआई के इस लेख के मुताबिक, ईबीएलआर व्यवस्था लागू होने से एमसीएलआर से जुड़े कर्जों तक भी इसका लाभ पहुंचा है। मानक दरों में बदलाव होने से बैंक अपने एनआईएम को बचाये रखने के लिए जमा की दरों को भी सक्रियता से समायोजित करते हैं। इससे समग्र उधारी एवं जमा दरों तक मौद्रिक नीति से जुड़ी घोषणाओं का असर पहुंचता है।

लेख के मुताबिक, ‘‘बाह्य मानकों से जुड़े कर्जों का अनुपात आगे चलकर बढ़ने की संभावना है जबकि आंतरिक मानक आधारित कर्जों में गिरावट आएगी। इस तरह मौद्रिक कदमों का बैंकों की ब्याज दरों पर असर और सुधरने की उम्मीद की जा सकती है।’’

आरबीआई ने इसके साथ ही कहा है कि इस लेख में व्यक्त विचार उसके लेखकों के हैं और जरूरी नहीं है कि उसके विचारों का ही प्रतिनिधत्व करते हों।

भाषा

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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