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Saturday, 11 January, 2025
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भारत, अमेरिका ने ‘नए निवेश प्रोत्साहन समझौते’ पर हस्ताक्षर किए

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तोक्यो, 23 मई (भाषा) भारत और अमेरिका ने सोमवार को एक ‘नए निवेश प्रोत्साहन समझौते’ पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रम मसलन ऋण, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा और संभावित परियोजनाओं और अनुदानों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय बैठक से पहले विदेश सचिव विनय क्वात्रा और अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) स्कॉट नैथन ने भारत-अमेरिका निवेश प्रोत्साहन समझौते (आईआईए) पर हस्ताक्षर किए।

यह आईआईए वर्ष 1997 में भारत-अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते की जगह लेगा।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि 1997 में हुए पहले आईआईए पर हस्ताक्षर के बाद से देश में महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं। इसमें डीएफसी नाम से एक नई एजेंसी का गठन, अमेरिका सरकार की विकास वित्त एजेंसी शामिल है, जो पूर्ववर्ती ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (ओपीआईसी) की जगह बनी है।

बयान में कहा गया कि दोनों देशों द्वारा नए आईआईए पर हस्ताक्षर किए गए हैं। समझौते के तहत डीएफसी द्वारा पेश किए गए अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रमों मसलन ऋण, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा या पुनर्बीमा, संभावित परियोजनाओं और अनुदान के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के साथ तालमेल को बढ़ावा मिलेगा।

डीएफसी के लिए यह समझौता भारत में निवेश समर्थन को जारी रखने के लिए एक कानूनी जरूरत है।

डीएफसी या उनकी पूर्ववर्ती एजेंसियां ​​1974 से ही भारत में सक्रिय हैं और उन्होंने अब तक 5.8 अरब डॉलर का निवेश समर्थन उपलब्ध कराया है जिसमें से 2.9 अरब डॉलर अभी बकाया है।

भाषा रिया रिया अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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