नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) सरकार ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत पिछले वित्त वर्ष में 1.03 लाख नई विनिर्माण और सेवा इकाइयां गठित हुई हैं। इन इकाइयों के साथ 8.25 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में पीएमईजीपी के तहत 2021-22 में इकाइयों के गठन और रोजगार सृजन में 39-39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि सब्सिडी यानी मार्जिन धन का वितरण भी 36 प्रतिशत बढ़ा है।’’
मंत्रालय के अनुसार, 2008 में कार्यक्रम शुरू किये जाने के बाद यह पहली बार है, जब खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने पिछले वित्त वर्ष में एक लाख से अधिक नई इकाइयां गठित कीं।
बयान में कहा गया है, ‘‘कुल 12,000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ 1,03,219 इकाइयों का गठन हुआ है। इसमें केवीआईसी ने सब्सिडी के रूप में 2,978 करोड़ रुपये जारी किये। जबकि बैंक कर्ज लगभग 9,000 करोड़ रुपये रहा।
केवीआईसी ने 2021-22 में जो 2,978 करोड़ रुपये की ‘मार्जिन मनी’ सब्सिडी दी है, वह 2008 के बाद से सबसे अधिक है।
बयान के मुताबिक, पूरे देश में 8,25,752 नौकरियां सृजित हुईं। इससे पहले, पीएमईजीपी के तहत इतनी संख्या में नौकरियों के अवसर नहीं बने थे।
कुल मिलाकर, पीएमईजीपी के तहत 2014-15 से गठित इकाइयों की संख्या 114 प्रतिशत बढ़ी। वहीं रोजगार सृजन 131 प्रतिशत बढ़ा, जबकि ‘मार्जिन मनी’ सब्सिडी वितरण 165 प्रतिशत बढ़ा।
केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि रोजगार सृजन में उल्लेखनीय तेजी का कारण आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रधानमंत्री का स्थानीय विनिर्माण पर जोर है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड -19 महामारी के मद्देनजर स्थानीय विनिर्माण और स्वरोजगार पर जोर ने आश्चर्यजनक परिणाम दिया है। पीएमईजीपी के तहत बड़ी संख्या में युवा, महिला और प्रवासी स्वरोजगार के लिये प्रेरित हुए।’’
भाषा रमण अजय
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