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Saturday, 18 January, 2025
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पश्चिमी मप्र में बढ़े ‘छतों के बिजलीघर’, हर माह बन रही है पांच करोड़ रुपये की सौर बिजली

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इंदौर, 18 मई (भाषा) मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से में सस्ती हरित ऊर्जा के प्रति उपभोक्ताओं के रुझान में इजाफे के चलते सौर पैनल वाली छतों की संख्या साल भर में तेजी से बढ़ी है। इनके जरिये हर माह पांच करोड़ रुपये के अनुमानित बाजार मूल्य की बिजली बनाई जा रही है।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने अनुमान जताया कि पिछले साल गर्मियों के दौरान पश्चिमी मध्यप्रदेश में छतों पर हर माह करीब तीन करोड़ रुपये के बाजार मूल्य की बिजली बनाई गई थी।

प्रवक्ता के मुताबिक, फिलहाल पश्चिमी मध्यप्रदेश के 15 जिलों में लगभग 4,900 छतों पर सौर पैनल से बिजली बनाई जा रही है, जबकि पिछली गर्मियों में इन छतों की तादाद 2,900 के आसपास थी।

बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया,‘‘छतों पर सौर ऊर्जा तैयार कर इसे ग्रिड में भेजने की नेट मीटरिंग प्रणाली के कारण संबंधित उपभोक्ताओं के मासिक बिजली बिल की रकम 30 से 60 प्रतिशत तक घट गई है।’

उन्होंने बताया कि बिजली उत्पादन के लिए छतों पर सौर पैनल लगाने को प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को अनुदान देती है और ये उपकरण स्थापित करने के लिए उन्हें बैंकों से ऋण भी मिलता है।

तोमर ने कहा,‘‘आमतौर पर छतों के सौर पैनल तीन से चार वर्ष के भीतर उतनी कीमत की बिजली बना देते हैं, जितनी राशि इन्हें लगाने में खर्च होती है।’’

प्रवक्ता ने बताया कि पश्चिमी मध्यप्रदेश में छतों पर सौर पैनल लगाकर बिजली बनाने के मामले में इंदौर जिला अव्वल है जहां 3,100 स्थानों पर इस तरह हरित ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि उज्जैन जिले में 615, रतलाम जिले में 205, धार जिले में 200 और खरगोन जिले में 154 छतों पर सौर पैनल लगाकर बिजली तैयार की जा रही है।

भाषा हर्ष रंजन अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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