मुंबई, 28 अप्रैल (भाषा) भविष्य में भारतीय रिजर्व बैंक की नीति घोषणा के दिन नीतिगत दरों में अप्रत्याशित बदलाव की तुलना में शेयर बाजार मौद्रिक नीति की अपेक्षाओं से ज्यादा प्रभावित होंगे।
आरबीआई के अधिकारियों के एक शोध पत्र के अनुसार मौद्रिक नीति के साथ ही घोषित किए जाने वाले विनियामक और विकास उपाय भी शेयर बाजारों को प्रभावित करते हैं।
शोध पत्र में कहा गया, ”भविष्य में इक्विटी बाजार नीतिगत दरों में अप्रत्याशित बदलाव की तुलना में मौद्रिक नीति को लेकर बाजार की अपेक्षाओं से ज्यादा प्रभावित होंगे।”
इसमें कहा गया कि नीतिगत घोषणा के दिन इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव ”लक्ष्य और पथ” दोनों कारकों से प्रभावित होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार नीतिगत घोषणाओं को पचा लेते हैं और व्यापारी पूरे दिन अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करते हैं।
‘इक्विटी बाजार और मौद्रिक नीति के आश्चर्य’ शीर्षक वाले इस शोध पत्र को भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के मयंक गुप्ता, अमित पवार, सत्यम कुमार, अभिनंदन बोरड और सुब्रत कुमार सीट ने तैयार किया गया है।
भाषा पाण्डेय
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