मुंबई, तीन मई (भाषा) विज्ञापनों में उछाल से प्रिंट मीडिया की आय वित्त वर्ष 2022-23 में 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अखबारी कागज की लागत काफी बढ़ने से उद्योग के मुनाफे पर असर पड़ेगा।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि प्रिंट मीडिया क्षेत्र की कंपनियों का परिचालन मुनाफा मार्जिन वित्त वर्ष 2022-23 में तीन प्रतिशत तक कम हो सकता है।
एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में कुल अखबारी कागज का 60 प्रतिशत हिस्सा आयात किया गया था। इसमें आगे कहा गया कि फरवरी में युद्ध शुरू होने के बाद से आयातित अखबारी कागज 80 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। कीमतों में अगले छह महीनों तक बढ़ोतरी जारी रह सकती है।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि घरेलू स्रोतों से आपूर्ति बढ़ने के साथ कीमतें काबू में आ सकती हैं। युद्ध से पहले वित्त वर्ष 2021-22 के शुरुआती 10 महीनों में आयातित अखबारी कागज की कुल मांग में हिस्सेदारी 52 प्रतिशत थी, जो एक दशक में सबसे कम है।
भारत में सबसे अधिक 38 प्रतिशत आयात रूस से किया जाता है, जिसके बाद 26 प्रतिशत के साथ कनाडा का स्थान है।
भाषा पाण्डेय अजय
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