नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) उद्योग मंडल एसोचैम ने बढ़ते तापमान के कारण बिजली की मांग से निपटने के लिए कोयला पर लगने वाले आयात शुल्क को शून्य करने की वकालत की है।
एसोचैम ने शुष्क ईंधन के परिवहन के लिए रेलवे रैक की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देने के साथ और ‘कैप्टिव जनरेटर’ के लिए डीजल की अलग दर रखने का सुझाव दिया है।
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘हम राज्यों और वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से बिजली आपूर्ति में वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव नहीं करने का आग्रह करेंगे। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि समग्र आर्थिक पुनरुद्धार के बावजूद औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि सुस्त बनी हुई है।’’
एसोचैम ने देश के कई हिस्सों में बढ़ते तापमान के बीच बिजली की मांग से निपटने के लिए कोयले के आयात पर शुल्क हटाने के साथ-साथ रेल के जरिये कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से रैक की उपलब्धता बढ़ाने का सुझाव दिया है।
सूद ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयातित कोयले को घरेलू कोयले के साथ 10 प्रतिशत तक मिलाने की अनुमति दी है। वहीं वैश्विक आपूर्ति बाधाओं और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतों में तेज वृद्धि से बिजली उत्पादन कंपनियों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अभी कोयले पर आयात शुल्क 2.5 प्रतिशत है लेकिन हम वर्तमान स्थिति के मद्देनजर सरकार से आयात शुल्क को पूरी तरह से हटाने का आग्रह करते हैं।’’
भाषा जतिन अजय
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