वाशिंगटन, 19 अप्रैल (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात की और भू-राजनीतिक हालात के असर सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों के मौके पर हुई इस भेंट के दौरान आईएमएफ प्रमुख ने भारत के अच्छी तरह से लक्षित नीति का उल्लेख किया, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को सीमित वित्तीय साधनों के साथ भी लचीला रहने में मदद की है।
उन्होंने आर्थिक संकट से निपटने के लिए श्रीलंका को भारत द्वारा दी गई मदद की सराहना की और भरोसा दिया कि आईएमएफ श्रीलंका के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर काम करता रहेगा।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव और इसके कारण ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से जुड़ी चुनौतियों के बारे में चिंता जताई।’’
सीतारमण ने आर्थिक पुनरुद्धार पर भारतीय नीति के संबंध में बताया कि सरकार पूंजीगत व्यय के जरिए आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रमुख संरचनात्मक सुधारों और मजबूत मौद्रिक नीतियों के साथ देश के उदार राजकोषीय रुख ने महामारी से उबरने में मदद की है।
उम्मीद है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक रहेगी। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार देश चालू वित्त वर्ष में 8-8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है।
सीतारमण ने आईएमएफ-विश्व बैंक की बैठक के मौके पर श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी से भी मुलाकात की और श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक स्थिति तथा चुनौतियों पर चर्चा की।
उन्होंने साबरी को भरोसा दिया कि एक घनिष्ठ मित्र और अच्छे पड़ोसी के रूप में, भारत श्रीलंका को हर संभव मदद देने की कोशिश करेगा।
सीतारमण ने इंडोनेशिया की वित्त मंत्री मुल्यानी इंद्रावती के साथ बैठक भी की।
भाषा पाण्डेय
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