मुंबई, 24 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को बैंकों से बैंकिंग माध्यमों के जरिए अनधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन को रोकने के लिए अधिक सतर्कता बरतने और ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत प्रवर्तन निदेशालय को देने को कहा है।
रिज़र्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि अनधिकृत संस्थाओं द्वारा भारतीय निवासियों को अत्यधिक मुनाफे का वादा करते हुए विदेशी मुद्रा लेनदेन सुविधाएं प्रदान करने के मामले सामने आए हैं।
आरबीआई ने कहा, ‘‘ जांच में पाया गया कि अनधिकृत विदेशी मुद्रा व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए इन संस्थाओं ने स्थानीय एजेंट को शामिल करने का सहारा लिया है जो मुनाफा, निवेश, शुल्क आदि के लिए धन इकट्ठा करने को विभिन्न बैंक शाखाओं में खाते खोलते हैं।’’
शीर्ष बैंक ने कहा कि ये खाते लोगों, व्यापारिक कंपनियों आदि के नाम पर खोले जाते हैं। ऐसे खातों में लेनदेन कई बार खाता खोलने के बताए गए उद्देश्य के अनुरूप नहीं होते।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह भी पाया गया कि ये संस्थाएं निवासियों को ऑनलाइन भुगतान और ‘पेमेंट गेटवे’ जैसी घरेलू भुगतान प्रणालियों का इस्तेमाल करके अनधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन करने के लिए रुपये में धनराशि भेजने/जमा करने के विकल्प भी प्रदान कर रही हैं।
अधिकृत डीलर श्रेणी- I बैंकों (एडी कैट- I बैंकों) को लिखे परिपत्र में कहा गया कि अनधिकृत विदेशी मुद्रा व्यापार की सुविधा में बैंकिंग माध्यमों के दुरुपयोग को रोकने के लिए अधिक सतर्कता की आवश्यकता है।
आरबीआई ने कहा, ‘‘..इसलिए बैंकों को अधिक सतर्क रहने और इस संबंध में अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। जब भी एडी कैट-I बैंकों को अनधिकृत विदेशी मुद्रा व्यापार की सुविधा के लिए इस्तेमाल किए जा रहे किसी खाते का पता चले तो वे आगे की कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय, भारत सरकार जिसे उचित हो इसकी सूचना दें।’’
केंद्रीय बैंक ने एडी कैट-I बैंक से अपने ग्राहकों को केवल ‘‘अधिकृत लोगों’’ और ‘‘अधिकृत ईटीपी’’ के साथ विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने की सलाह भी दी।
भाषा निहारिका पाण्डेय
पाण्डेय
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