नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को 54 विमानों का पंजीकरण रद्द करने के पट्टेदारों के आवेदनों पर तुरंत कार्रवाई करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
विमान पट्टे पर दे रखी कंपनियों ने संकट ग्रस्त एयरलाइन गो फर्स्ट से विमान वापस लेने की कवायद में यह आवेदन किया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रक्रिया पांच कामकाजी दिन या उससे कम समय में पूरी की जाएगी।
न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने एयरलाइन और उसके निदेशकों के प्रबंधन के लिए दिवाला कानून के तहत नियुक्त समाधान पेशेवर (आरपी) को विमानों या कलपुर्जों, दस्तावेजों, रिकॉर्ड और किसी भी अन्य सामग्री को ले जाने या कहीं रखने से भी रोक दिया।
अदालत ने कहा, ‘‘ डीजीसीए तुरंत तथा पांच कामकाजी दिन के भीतर 54 विमानों के पंजीकरण रद्द करने संबंधी आवेदनों पर कार्रवाई करेगा।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि डीजीसीए, एएआई (भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण) और उसके अधिकृत प्रतिनिधि याचिकाकर्ता पट्टेदारों की सहायता करेंगे और उन्हें हवाई अड्डों तक पहुंच प्रदान करेंगे।
अदालत ने कहा कि पट्टेदारों को लागू नियमों और कानूनों के तहत विमान निर्यात करने की अनुमति है।
गौरतलब है कि गो फर्स्ट ने तीन मई 2023 से अपनी विमान सेवाएं रोक दी थीं।
भाषा निहारिका रमण
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