नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कमलनाथ अपरोक्ष रूप से भाजपा और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘जब आप रसोईए को ही ड्रायवर बना देंगे तो वह आपको मार डालेगा.’
उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के बुरे हाल के पीछे दो प्रमुख कारण गिनाए एक ‘बैकिंग क्षेत्र में संकट’ और दूसरा ‘ऋण संकट’. उनका आरोप था कि सरकार की नीतियों की वजह से भारत में कोई निवेश नहीं करना चाहता. एक विदेशी उद्योगपति ने मुझसे कहा ‘जब भारतीय निवेशक ही भारत में निवेश से डर रहा है तो आप कैसे सोच सकते हैं हम आकर भारत में निवेश करें. हर उद्योगपति को लगता है कि सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं से उनको परेशान होना पड़ेगा.
सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘निवेश भावना पर होता है और इस वक्त जिस तरह से इनकम टैक्स रेड जैसी हरकते हो रही हैं उससे निवेशकों के मन में डर का माहौल बना हुआ है. उद्योगपतियो से बातचीत में ऐसे संकेत मिले है कि अगले छह माह में आप देखेंगे कि उद्योगपती कंपनी में अपनी भागीदारी कम कर देंगे. देश की अर्थव्यवस्था को सुधारना है तो निवेशकों में विश्वास पैदा करना होगा.
उन्होंने कहा, ‘बैंकिग सेक्टर की हालत भी सुधारने की जरूरत है. बैंक भी लोन देने से कतरा रहे है. क्योंकि उद्योग शुरू करने के लिए बैंक से ही पैसा आता है.’
यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश कर्नाटक नहीं, जब कमलनाथ ने विधायकों से कहा ‘पैसे ले लेना लेकिन वोट अपने हिसाब से ही करना’
आरसीईपी में हिस्सेदारी न करके नरेंद्र मोदी सरकार ने बहुत समझदारी भरा कदम उठाया है. यह कदम भी कांग्रेस के दबाव में लिया गया है.’
उन्होंने केंद्र सरकार को संघीय ढाचे को निर्वाहण ठीक न करने का आरोप लगाया कि उन्होंने कहा कि पीएम आवास जैसी योजना मैं केंद्र की भागीदारी 15 प्रतिशत भी नहीं होती है. जमीन और कीमत राज्य सरकार की होती है. केंद्र सरकार की भागीदारी केवल 15 प्रतिशत होती है. जबकि दावा होता है कि 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य की भागीदारी होती है. ‘ वे फोटो लगाते है 100 प्रतिशत वाली.’
कमलनाथ ने भाजपा और मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में बारिश से 8 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. राहत राशि जारी करने के मामले को लेकर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से एक नहीं दो बार मुलाकात कर चुका हूं लेकिन अभी तक केंद्र ने महज़ एक हजार करोड़ ही राशि दी है, पूरी राशि नहीं मिली है.