गांधीनगर, दो मार्च (भाषा) गुजरात विधानसभा में बुधवार को विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस के विधायकों की नारेबाजी के कारण राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना अभिभाषण बीच में ही खत्म करना पड़ा।
सदन में करीब 50 विपक्षी विधायक हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे थे। उनके लगातार नारेबाजी करने की वजह से राज्यपाल अपना संबोधन शुरू करने के करीब पांच मिनट के बाद ही सदन से चले गए। उनके अभिभाषण के शेष भाग को सदन के पटल पर रख दिया गया।
राज्यपाल देवव्रत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए जैसे ही अभिभाषण आरंभ किया, वैसे ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वीरजी थुम्मर ने टोका-टाकी की और उनसे आग्रह किया कि वह भाजपा से कहें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन बंद किया जाए।
देवव्रत ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे को तवज्जो नहीं देते हुए अपना भाषण जारी रखा। इसके बाद कांग्रेस के कई विधायक अपने स्थान पर खड़े हो गए और कानून व्यवस्था की स्थिति तथा मुंद्रा बंदरगाह एवं कुछ अन्य स्थानों से मादक पदार्थों की बरामदगी को लेकर गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के इस्तीफे की मांग करने लगे।
बाद में कई अन्य विपक्षी विधायक भी नारेबाजी में शामिल हो गए। उन्होंने क्लर्क भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने, भ्रष्टाचार और भू माफिया द्वारा लोगों के उत्पीड़न जैसे कई अन्य मुद्दे भी उठाए।
कांग्रेस विधायक ललित कगाथरा ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण गुजरात में हुई मौतों का मुद्दा उठाया।
सदन में हंगामे के कारण राज्यपाल ने अपना भाषणा बीच में ही खत्म कर दिया और विधानसभा से बाहर चले गए।
भाषा हक हक मनीषा
मनीषा
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