सूरत: लॉकडाउन की वजह से सूरत में फंसे अनेक प्रवासी मजदूरों ने शुक्रवार की रात तोड़फोड़ की और वाहनों को आग लगा दी. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि ये लोग अपने घर लौटने के लिए इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं और अपना देय भुगतान भी जल्द दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
पुलिस ने कहा कि सूरत के लसगण इलाके में अनेक लोग सड़कों पर उतर आए और ठेलों में आग लगा दी. उन्होंने मांग की कि उन्हें अपने गृह स्थान जाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
अधिकारियों ने कहा कि हालात काबू में हैं. पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन में शामिल कुछ प्रवासी कामगारों को हिरासत में लिया है.
मजदूर लॉकडाउन बढ़ाए जाने की खबर के बाद डर गए थे और सड़कों पर उतर आए. सूरत के डीसीपी राकेश बरोत ने बताया, ‘मजदूरों ने सड़के जाम कर दीं और पत्थर भी फेंकने लगे. उन्होंने कहा कि सभी मजदूर घर वापस जाने की मांग कर रहे थे. इस दौरान 60-70 लोगों को हिरासत में लिया गया है.’
Gujarat:Migrant workers in Surat resorted to violence on street allegedly fearing extension of lockdown."Workers blocked road&pelted stones.Police reached the spot&detained 60-70 people.We've come to know that they were demanding to go back home",said DCP Surat,Rakesh Barot(10.4) pic.twitter.com/q09Z7lsLwR
— ANI (@ANI) April 10, 2020
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए कामगार अपने-अपने गांव जाने की इजाजत देने की मांग कर रहे थे.
गुजरात में 116 नए मामलों के साथ प्रदेश में कोरोनोवायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 378 पर पहुंच गई है. 24 घंटे के दौरान मामलों में यह सबसे अधिक बढ़ोतरी है. जबकि इस दौरान दो मौतें भी हुई हैं, प्रदेश में अब तक कुल 19 लोगों की मौत हो चुकी है.
गुजरात ने अपने फंसे हुए नागरिकों को स्पेशल बस कराकर हरिद्वार से वापस गुजरात लाई थी ,
लेकिन इन मजदूरों में अधिकतम उत्तर प्रदेश और बिहार के नागरिक है, बिहार उत्तर प्रदेश की सरकारें गुजरात सरकार से तालमेल करके इनको वापस लाने का प्रबंध क्यों नहीं करती है, क्योंकि गरीब है इसीलिए, देश दुनिया से भारत सरकार सिर्फ संपन्न तबके के लिए ही हवाई जहाज से लेकर बसों का प्रबंध कर रही है गरीबों के लिए नहीं कर पा रही है इसी से ही सरकारों का चरित्र पता चलता है ।
तीनों ही राज्य में बीजेपी तथा उनके सहयोगी दलों की सरकार है इसके बाद भी सड़कों पर अव्यवस्था फैल रही है शर्मनाक हालात हैं
संजय कुमार दिल्ली यूनिवर्सिटी