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शुक्रवार, 4 जुलाई, 2025
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डीयू ने योग से लेकर डिजिटल मीडिया तक पाठ्येतर गतिविधियों के लिए सीट की घोषणा की

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नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए योग और नृत्य से लेकर डिजिटल मीडिया तक पाठ्येतर गतिविधी (ईसीए) कोटे के तहत 1,347 सीटों की पेशकश कर रहा है।

डीयू ने 14 श्रेणियों में प्रतिभाशाली छात्रों के लिए ये सीट बढ़ाई हैं।

जिन 14 श्रेणियों के लिए इस वर्ष विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है, उनमें रचनात्मक लेखन (अंग्रेजी और हिंदी), वाद-विवाद (अंग्रेजी और हिंदी), डिजिटल मीडिया (फोटोग्राफी, फिल्म निर्माण, एनीमेशन), आध्यात्म (डिविनटी), ललित कला (स्केचिंग, पेंटिंग, मूर्तिकला), संगीत-गायन (भारतीय और पश्चिमी), संगीत-वाद्य (भारतीय और पश्चिमी), नृत्य (भारतीय शास्त्रीय, भारतीय लोक, पश्चिमी, कोरियोग्राफी), रंगमंच, प्रश्नोत्तरी, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और योग शामिल है।

प्रत्येक श्रेणी में कई उप-विषय शामिल हैं, जिससे छात्र अपनी विशिष्ट रुचियों और कौशल के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।

ईसीए कोटे के तहत सभी प्रवेश डीयू के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रबंधित किए जाएंगे।

डीयू की ईसीए प्रवेश समिति की संयोजक प्रोफेसर दीप्ति तनेजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “आध्यात्म श्रेणी सहित ट्रायल, आवंटन और पूरी प्रवेश प्रक्रिया केंद्रीकृत ईसीए समिति के माध्यम से आयोजित की जाएगी, न कि व्यक्तिगत कॉलेजों द्वारा।”

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस वर्ष आध्यात्म श्रेणी के तहत चार कॉलेजों में कुल 13 सीट आवंटित की गई हैं, जिसमें श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज (चार सीट), श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज (दो), श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स (चार) और माता सुंदरी कॉलेज फॉर विमेन (तीन)।

इन कॉलेजों का प्रबं‍धन दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा किया जाता है। तनेजा ने बताया कि आध्यात्म श्रेणी के लिए उम्मीदवारों का मूल्यांकन ‘शबद कीर्तन पाठ’ में उनकी दक्षता के आधार पर किया जाता है।

ईसीए में दाखिले समग्र अंकों के आधार पर होंगे, जिसमें 75 प्रतिशत अधिभार ईसीए प्रदर्शन (प्रमाणपत्र और ट्रायल) को दिया जाएगा और 25 प्रतिशत अधिभार संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अंकों को दिया जाएगा।

विद्यार्थियों को सलाह दी गई है कि वे ट्रायल के लिए पूरी तरह से तैयारी करें और अपने पाठ्यक्रम व कॉलेज की प्राथमिकताएं समझदारी से भरें।

श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर गुरमोहिंदर सिंह ने बताया कि आध्यात्म श्रेणी के तहत चयनित किए गए छात्र कॉलेज के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हम ऐसे विद्यार्थियों का चयन करते हैं, जो गुरबानी में पारंगत हैं। वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कॉलेज का प्रतिनिधित्व करते हैं और औपचारिक कार्यक्रमों के दौरान कॉलेज की प्रार्थना का नेतृत्व करते हैं। हम इन विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए एक संविदा शिक्षक भी नियुक्त करते हैं। इसमें शामिल होने और सीखने के इच्छुक अन्य छात्रों का भी स्वागत है।”

विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों से नियमित जानकारी के लिए आधिकारिक प्रवेश से संबंधित वेबसाइट पर नजर बनाये रखने का आग्रह किया है।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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