scorecardresearch
Sunday, 16 June, 2024
होमदेशडोंबिवली कारखाना विस्फोट: मालिक को 29 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया

डोंबिवली कारखाना विस्फोट: मालिक को 29 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत गैर इरादतन हत्या (धारा 304), स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और दहनशील पदार्थ और विस्फोटक पदार्थों के संबंध में लापरवाही बरतने के लिए मामला दर्ज किया गया है.

Text Size:

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने शनिवार को डोंबिवली स्थित रासायनिक कारखाने के मालिक को 29 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया, जहां हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

ठाणे पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी एवं अमुदन केमिकल्स के मालिक मलय मेहता (38) को कल्याण में मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मेहता की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया और अदालत को बताया कि उन्हें कारखाना स्थल का दौरा करना है और पता लगाना है कि अपराध में और लोग शामिल थे या नहीं.

अधिकारी ने बताया कि विस्फोट के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ और पुलिस इस घटना में कई लोगों की भूमिका की जांच करना चाहती है.

मेहता के वकील ने दलील दी कि कंपनी के पास सभी ज़रूरी अनुमतियां हैं और उसने सभी नियमों का पालन किया.

मामले में एक हस्तक्षेपकर्ता भी था, जिसने हिरासत और पूछताछ के लिए पुलिस की याचिका का समर्थन किया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

अधिकारी ने बताया कि सभी वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने आरोपी को 29 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

अपराध शाखा की उल्हासनगर इकाई ने जांच अपने हाथ में ले ली है. पुलिस ने कंपनी के मालिकों, निदेशकों, प्रबंधन कर्मचारियों और कारखाने की देखरेख करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत गैर इरादतन हत्या (धारा 304), स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और दहनशील पदार्थ और विस्फोटक पदार्थों के संबंध में लापरवाही बरतने के लिए मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए हैं.

एफआईआर के अनुसार, कंपनी ने रसायनों के मिश्रण, तैयार उत्पादों और उनके भंडारण को लेकर सावधानी नहीं बरती, यह अच्छी तरह से जानते हुए कि किसी भी चूक से विस्फोट हो सकता है, जो कंपनी और उसके आसपास की संरचनाओं को प्रभावित और क्षतिग्रस्त कर सकता है.

इसमें कहा गया है कि इन खामियों के कारण गुरुवार को विस्फोट हुआ, जिसके परिणामस्वरूप परिसर और कारखाने के आसपास की कंपनियों में मौतें हुईं. इसमें कहा गया है कि विस्फोट का प्रभाव इतना भयानक था कि इससे मकानों की खिड़कियों के शीशे टूट गए और आसपास की कारों, सड़कों और बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचा.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


यह भी पढ़ें: MSP बढ़ने के बावजूद MP के किसान निजी मंडियों में बेच रहे अनाज, FCI भंडार को लेकर बढ़ रही चिंता


 

share & View comments