चेन्नई, एक फरवरी (भाषा) तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के मुखपत्र मुरासोली ने शनिवार को वेंगईवायल गांव में अनुसूचित जाति के मोहल्ले में स्थित पेयजल टैंक में मल मिलाने से संबंधित मामले पर मीडिया के एक वर्ग के रुख की आलोचना की और आरोप लगाया कि कुछ प्रकाशनों ने राज्य सरकार की छवि खराब करने के लिए गलत सूचना अभियान चलाया है।
मुखपत्र में प्रकाशित सपांदकीय में कहा गया कि अखबार के संपादकीय खोजी पत्रकारिता की आड़ में ‘सरकार को बदनाम’ किया जा रहा था। इसमें कहा गया, ‘‘अगर उन्हें पता है कि पीने के पानी की टंकी (पुदुक्कोट्टई जिले के वेंगईवायल में अनुसूचित जाति के लोगों की) में मल मिलाने वाले असली अपराधी कौन हैं, तो उन्हें निचली अदालत जांच एजेंसी को सूचित करना चाहिए था।’’
लेख में कहा गया है, ‘‘इन मीडिया संस्थानों को बस इतना ही चाहिए कि वे द्रमुक सरकार की छवि खराब करने के लिए कुछ कहें और अपने लेखन के माध्यम से खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में पेश करें। द्रमुक सरकार को किसी को बचाने की जरूरत नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है।’’
मुरासोली में प्रकाशकों पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया गया है। द्रमुक के मुखपत्र ने लिखा कि पुलिस जांच में संदिग्धों की पुष्टि हुई और जांच करने वाली अपराध शाखा सीआईडी ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि दिसंबर 2022 में पानी की टंकी में मानव मल मिलाकर पीने के पानी को दूषित करने के आरोप में तीन व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।
भाषा धीरज रंजन
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