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Sunday, 22 December, 2024
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DMK ने NEET को खत्म करने के लिए राज्यव्यापी भूख हड़ताल शुरू की, कहा- छात्र कर रहे आत्महत्या

पार्टी ने यह राज्यव्यापी हड़ताल राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ की है जिन्होंने नीट परीक्षा पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

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चेन्नई (तमिलनाडु) : द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) की छात्र शाखा और मेडिकल विंग ने रविवार को चेन्नई में नेशनल एंट्रेंस-कम-एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) को समाप्त करने की मांग को लेकर राज्यव्यापी भूख हड़ताल शुरू की.

तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि मारन ने भी चेन्नई में डीएमके छात्र विंग और मेडिकल विंग द्वारा आयोजित एकदिवसीय भूख हड़ताल में हिस्सा लिया.

यह राज्यव्यापी हड़ताल राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ की गई है जिन्होंने राज्य और केंद्र सरकार में नीट परीक्षा पर प्रतिबंध लगाने से मना कर दिया है.

भूख हड़ताल प्रदर्शन 9 बजे से शुरू हुआ है जो कि 5 बजे शाम तक चलेगा. डीएमके विभिन्न विंग के कार्यकर्ता इसमें हिस्सा ले रहे हैं.

हालांकि, मदुरई में डीएमके ने एआईएडीएमके के आज निर्धारित सम्मेलन की वजह से विरोध-प्रदर्शन को 23 अगस्त तक के लिए टाल दिया है.

भूख हड़ताल से पहले, डीएमके पार्टी के नेताओं ने उन नीट परीक्षार्थियों के लिए एक मिनट का मौन रखा, जिन्होंने तमिलनाडु में आत्महत्या की है.

13 अगस्त को नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (नीट) को पास करने में दो बार नाकाम होने पर 19 साल के एक लड़के की आत्महत्या के बाद उसके पिता ने खुद को फंदे से लटका लिया.

अधिकारियों के अनुसार, मृतक, एस जेगदीश्वरन (19) एक अभ्यर्थी था और दो बार एनईईटी परीक्षा में असफल होने के बाद एक दिन पहले फांसी लगा ली थी.

इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) नेता टीकेएस एलंगोवन ने शनिवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि की राज्य के एंटी नेशनल एंट्रेस-कम-एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) बिल की आलोचना की थी और कहा था कि उन्होंने विधानसभा प्रस्ताव का अनादर किया है.

एलंगोवन ने रवि द्वारा शनिवार को दिए बयान का जवाब देते हुए कहा कि वह नेशनल एंट्रेस-कम-एलिजिबिलिटी टेस्ट (एनईईटी) के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे.

एलंगोवन ने कहा, “राज्यपाल एक नियुक्त व्यक्ति हैं, जिन्हें जनता का समर्थन नहीं है. उन्होंने विधानसभा के प्रस्ताव का अनादर किया है. यह किस तरह का रवैया है जो वह दिखा रहे हैं? वह ऐसा नहीं कर सकते. उनका काम हस्ताक्षर करना है और पत्र को कारण के साथ लौटाना है. वह विधानसभा द्वारा पास किए गए किसी बिल को नकार नहीं सकते हैं.”

उन्होंने कहा, “हमें इसके खिलाफ लड़ना है इसलिए हम आंदोलन कर रहे हैं.”

इस बीच, छात्र के नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (नीट) को क्लीयर करने में नाकाम होने पर कथित बेटे और पिता की आत्महत्या के बाद, तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि मारन ने शुक्रवार को कहा, “हम छात्रों के साथ खड़े हैं.”

स्टालिन ने कहा, “हम छात्रों के साथ खड़े हैं. हम करीब 5-6 साल से नीट पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. हमने 20 छात्र गंवाए हैं. हर किसी को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.”


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