नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ‘बायोमास को-फायरिंग’ को लेकर खराब प्रदर्शन का हवाला देते हुए मंगलवार को दिल्ली के 300 किलोमीटर की परिधि में स्थित 11 ताप बिजली संयंत्रों को जुर्माना लगाने की चेतावनी दी।
कोयला ताप बिजली संयंत्रों में ईंधन के एक हिस्से के रूप में जैव-ईंधन का उपयोग करने संबंधी प्रक्रिया को ‘बायोमास को-फायरिंग’ कहते हैं, जोकि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सहायक होता है।
पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए अहम रणनीति अपनाते हुए पिछले साल सितंबर में आयोग ने 11 बिजली संयंत्रों को निर्देश दिया था कि वे अपने कोयले की जरूरत का 10 फीसदी पराली समेत अन्य जैव-ईंधन के रूप में उपयोग करें।
आयोग ने ‘बायोमास को-फायरिंग’ को लेकर उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए हाल में 11 बिजली संयंत्रों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। इस समीक्षा बैठक के दौरान, आयोग ने संयंत्रों द्वारा जैव-ईंधन उपयोग को लेकर उठाए गए कदमों को अपेक्षित स्तर पर नहीं पाया।
आयोग ने एक बयान में कहा कि 11 ताप बिजली संयंत्रों के प्रतिनिधियों को तय प्रतिशत तक जैव-ईंधन का उपयोग करने के निर्देश का कड़ाई से पालन करने का सुझाव दिया गया। बयान के मुताबिक, इसमें असफल रहने पर उचित जुर्माना कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पाया गया है कि 11 में चार संयंत्रों ने अब तक जैव-ईंधन का उपयोग किए जाने की शुरुआत तक नहीं की है।
भाषा शफीक उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.