मुंबई: भारतीय सिनेमा के सबसे चहेते दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार को बुधवार को यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्दे खाक कर दिया गया और इस तरह भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया.
दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद बुधवार सुबह निधन हो गया. 98 वर्षीय कुमार को उनकी पत्नी सायरा बानो और अन्य परिजनों की मौजूदगी में अपराह्न 4:45 बजे सुपुर्दे खाक किया गया.
सांताक्रूज के जुहू कब्रिस्तान में उन्हें अंतिम विदाई दिए जाने के समय तोप से सलामी दी गयी जिसके बाद उनके सम्मान में पुलिस बैंड बजाया गया.
कब्रिस्तान के अंदर 25-30 से अधिक लोगों को आने की अनुमति नहीं थी, लेकिन वहां मीडियाकर्मियों और दिलीप कुमार के चाहने वालों का तांता लगा था. पुलिस को करीब 100 लोगों की भीड़ को संभालना पड़ा.
दिलीप कुमार के अंतिम संस्कार के बाद अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक बच्चन ने जुहू कब्रिस्तान जाकर कुमार को श्रद्धांजलि दी. राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल के अनुसार कुमार की पार्थिव देह को उनके पाली हिल स्थित आवास पर तिरंगे में लपेटा गया और फिर उनका जनाजा कब्रिस्तान लाया गया.
उनके आवास पर 60 से अधिक पुलिस वाले थे. कुमार के घर जाने वाली सड़क पर लोगों को आने से रोकने के लिए पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किये थे.
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देश के विभाजन से पूर्व पेशावर (अब पाकिस्तान में) में 11 दिसंबर, 1922 को यूसुफ खान के रूप में जन्मे कुमार को उनके भावप्रवण अभिनय की बदौलत फिल्मों में ‘ट्रैजेडी किंग’ की पहचान मिली. दिलीप कुमार की ‘सौदागर’ और ‘करमा’ जैसी फिल्मों के निर्देशक सुभाष घई भी अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंचे लेकिन कोविड प्रोटोकॉल की वजह से अंदर नहीं जा सके.
इससे पहले दिलीप कुमार के दोस्तों, सहकर्मी और प्रशंसकों ने उनके घर पर जाकर उनके अंतिम दर्शन किये. इनमें धर्मेंद्र, शाहरुख खान, शबाना आजमी, विद्या बालन और निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर आदि शामिल थे.
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