नई दिल्ली : देश में मतदान को अनिवार्य बनाने के विचार को लेकर लोकसभा में शुक्रवार को सदस्यों के बीच मतभिन्नता दिखी, हालांकि इससे संबंधित एक निजी विधेयक पर चर्चा में भाग लेने वाले ज्यादातर सदस्यों ने अधिकतम मतदान की जरूरत पर जोर दिया. भाजपा सांसद जनार्दन सिग्रीवाल द्वारा 12 जुलाई, 2019 को पेश किए गए गैर सरकारी विधेयक ‘अनिवार्य मतदान विधेयक-2019’ पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए भाजपा सदस्य दुष्यंत सिंह ने कहा कि लोगों को अधिकतम मतदान के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रमों में रहने वालों और प्रवासियों भारतीयों को भी मतदान की प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए. भाजपा के सत्यपाल सिंह ने अनिवार्य मतदान के विचार का विरोध करते हुए कहा कि मतदान को अनिवार्य बनाना लोकतंत्र पर चोट होगी.
उन्होंने कहा कि यह भी विचार करना होगा कि एक अपराधी और एक भले इंसान की कीमत क्या समान हो सकती है? भाजपा के ही गोपाल शेट्टी ने कहा कि यह प्रयास होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा मतदान हो. उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया से अपराधियों को दूर रखने के लिए भी कोशिश होनी चाहिए.
उन्होंने सरकारी कर्मियों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करके इस दिशा में पहल को कारगर बताया. भाजपा के रवि किशन ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि जनता को अधिकार और सुविधाएं चाहिए तो मतदान करना होगा. आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य सराहनीय है लेकिन संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में हम किसी को मतदान करने या नहीं करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि इसके बजाय मतदान प्रतिशत कम होने के कारणों पर चिंतन कर प्रणाली में सुधार की जरूरत है. प्रेमचंद्रन ने सुझाव दिया कि नागरिकों को मतदान के ऐवज में कुछ प्रोत्साहन दिये जाएं तो इसे बढ़ावा मिल सकता है.
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी कहा कि विधेयक की मंशा अच्छी है लेकिन वह विधेयक का विरोध कर रहे हैं क्योंकि लोकतंत्र में किसी को मतदान के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मतदान के लिए अभियान चलाना चाहिए, जागरुकता लाई जानी चाहिए। उन्होंने ईवीएम के बजाय मतपत्रों से मतदान कराने की तथा धनबल और बाहुबल को समाप्त करने की जरूरत बताई.
भाजपा के भगीरथ चौधरी ने कहा कि मतदान राष्ट्र का कर्तव्य है. मतदान शत प्रतिशत होगा तब तक इस क्षेत्र में सफाई नहीं होगी. चर्चा में भाजपा के पुष्पेंद्र चंदेल और पीपी चौधरी ने भी भाग लिया.