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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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मधुमेह जनित जटिलताओं और मानसिक स्वास्थ्य का एक-दूसरे पर असर पड़ता है: अध्ययन

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नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) एक अध्ययन में दावा किया गया है कि मधुमेह के कारण उपजी जटिलताओं जैसे कि हृदयाघात तथा स्ट्रोक और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति (जैसे चिंता और अवसाद) के बीच दोतरफा संबंध है। व्यक्ति के इन दोनों समूह में से किसी एक समूह की किसी समस्या से पीड़ित होने पर अन्य समूह की समस्या के उत्पन्न होने का जोखिम बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि दोतरफा संबंध ‘कम प्रत्यक्ष’ भी हो सकता है क्योंकि दोनों (मधुमेह जनित जटिलताओं और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति) कई जोखिम कारकों को साझा करते हैं, जिसमें मोटापा और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में समस्या का आना शामिल है। इससे दोनों समूह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।

अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में बायोस्टैटिस्टिशियन और ‘डायबिटीज केयर’ नामक ‘जर्नल’ में प्रकाशित अध्ययन की लेखिका माया वतनबे ने कहा, ‘‘सबसे अधिक संभावना है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावों और साझा जोखिम कारकों का संयोजन उस संबंध को संचालित करता है, जिसे हम देख रहे हैं।

लेखकों ने पाया कि जिन लोगों में मधुमेह की पुरानी बीमारी के कारण जटिलताएं हैं, उनमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जटिलता विकसित होने का खतरा दो गुना या तीन गुना अधिक रहता है, जबकि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार वाले लोगों में निरंतर मधुमेह जनित जटिलताओं का अनुभव होने की संभावना ढाई गुना अधिक पाई गई।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दोतरफा संबंध का एक संभावित कारण यह हो सकता है कि मधुमेह जनित जटिलताओं या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार से पीड़ित होने का सीधा असर अन्य बीमारी के विकासित होने पर पड़ता है।

अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखक ब्रायन कैलाघन ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, एक ‘स्ट्रोक’ मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव डालता है, जो सीधे तौर पर अवसाद का कारण बन सकता है।’’

भाषा संतोष दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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