थेनी (तमिलनाडु), 16 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु-केरल सीमा के पास शनिवार को उस समय कुछ देर के लिए हालात तनावपूर्ण हो गए, जब तमिल श्रद्धालुओं के कई समूहों ने आरोप लगाया कि उन्हें चित्रपूर्णिमा के अवसर पर कन्नागी मंदिर की ओर जाने नहीं दिया जा रहा।
तमिलनाडु से संबंध रखने वाले श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि मंदिर जाने के लिए प्राप्त अनुमति के साथ ही केरल वन विभाग के अधिकारियों ने कुमिली में वाहनों के लिए एक ‘ट्रिप शीट’ पेश करने पर जोर डाला।
बड़ी सख्या में तमिलनाडु के श्रद्धालुओं ने कुमिली के पास स्थित प्राचीन पहाड़ी मंदिर में दर्शन किये।
केरल द्वारा चित्रपूर्णिमा के अवसर पर साल में केवल एक बार कन्नागी मंदिर में पूजा-अर्चना करने जाने के लिए अनुमति दी जाती है। इस साल 16 अप्रैल को चित्रपूर्णिमा रही।
केरल के अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त औपचारिकताओं को लेकर जोर डालने के चलते मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर स्थानीय वन कार्यालय के सामने वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि वन विभाग के कार्यालय में ‘ट्रिप शीट’ उपलब्ध कराने के लिए कोई अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं थे। केरल के अधिकारियों के मुताबिक, ‘ट्रिप शीट’ में निर्धारित समय का उल्लेख किया जाएगा कि मंदिर को जाने वाला वाहन किस समय वापसी करेगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केरल के अधिकारियों ने मंदिर दर्शन को जाने के लिए समय में पिछले साल के मुकाबले दो घंटे की कटौती भी कर दी है।
भाषा शफीक उमा
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