नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय अपने कैम्पस ऑफ ओपन लर्निंग में नामांकन कराने वाले विद्यार्थियों की खातिर रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम के लिए एक केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव पर विचार करेगा।
इस केंद्र की स्थापना पर अकादमिक परिषद की 22 मार्च को आयोजित होने वाली बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा।
कैम्पस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक पायल मागो ने कहा, ‘‘इस केंद्र पर एक मीडिया सेंटर होगा और छात्रों को ऑनलाइन और अनुभवात्मक शिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान किया जाएगा। स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए, ये कौशल आधारित पाठ्यक्रम होंगे और उनकी जरूरतों के अनुसार तैयार किए जाएंगे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की बेसिक शिक्षा भी दी जाएगी और कुछ भाषाएं भी सिखाई जाएंगी, जिससे उन्हें मदद मिलेगी।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘शुरुआत में केंद्र तीन डिप्लोमा पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा- पत्रकारिता (अंग्रेजी एवं हिन्दी), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (लाइब्रेरी ऑटोमेशन सर्विसेज) तथा मशरूम की खेती।’’
मागो ने कहा कि इन पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से पढ़ाई होगी। इसमें 50-50 प्रतिशत या 60-40 प्रतिशत के अनुपात में ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई हो सकती है।
पत्रकारिता पाठ्यक्रम के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से सहयोग लिया जाएगा, जबकि अन्य पाठ्यक्रमों के लिए विशेषज्ञों की पहचान की गयी है। मागो ने कहा कि इन पाठ्यक्रमों पर सामान्य शुल्क लगाये जाएंगे और पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे।
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