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Sunday, 26 May, 2024
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‘दूसरे राज्यों से आए पटाखे’, गोपाल राय ने BJP पर कसा तंज, दिल्ली का AQI 900 के पार

सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर को कहा था कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य पर लागू होता है और यह केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है, जो गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के कई इलाकों में रविवार को दिवाली पर पटाखों पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन किया गया और जमकर आतिशबाजियां हुईं. जिसके बाद दिल्ली में सोमवार को सुबह धुंद की चादर दिखाई दी. साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सचिवालय में प्रदूषण समीक्षा बैठक की, जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध था लेकिन पटाखे जले जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए. उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अगर सख्ती से प्रतिबंध होता तो वहां भी लोगों को पटाखे नहीं मिलते. उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली पुलिस की निगरानी के बीच से एक आम आदमी पटाखों को एक राज्य से दूसरे राज्य में सप्लाई नहीं कर सकता है. तीनों राज्यों में भाजपा के नियंत्रण वाली पुलिस व्यवस्था है. अगर वह सक्रियता से काम करते तो रातों रात प्रदूषण में 100 अंकों की बढ़ोतरी से हम बच सकते थे.”

शाहपुर जट और हौज खास इलाके में लोगों ने पटाखे फोड़े. इलाके के पार्क में कई लोगों को पटाखे फोड़ने के लिए इकट्ठा होते देखा गया.

रविवार शाम चार बजे के बाद आतिशबाजी बढ़ गई, हालांकि यह पिछले साल की तुलना में कम थी.

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कुछ लोगों को छोड़कर इलाके में और उसके आसपास बहुत से लोग अपने घरों से बाहर निकलते नहीं देखे गए.

पर्यावरणविद् भवरीन कंधारी ने कहा कि उनके आवासीय क्षेत्र डिफेंस कॉलोनी में भी पटाखे फोड़े जाने की सूचना मिली.

उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉलोनी थाने में भी शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

उन्होंने कहा, ‘‘पटाखों को लेकर उच्चतम न्यायालय का सख्त रुख आतिशबाजी के धुएं में उड़ गया. चेतावनियों और पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद… अधिकारी एक बार फिर विफल रहे हैं. सवाल यह उठता है कि उच्चतम न्यायालय अब क्या रुख अपनाएगा? … हम उत्सव के नाम पर अपने बच्चों को घुट-घुटकर जीने को मजबूर कर रहे हैं.”

वहीं दिवाली के बाद सोमवार को दिल्ली के कई स्थानों पर पटाखों का कचरा देखा गया.

शाम साढ़े बजे तक ग्रेटर कैलाश और चितरंजन पार्क इलाके में कम आतिशबाजी हुई. इलाके के लोगों ने कहा कि लग रहा है कि लोग पूजा करने के बाद पटाखे फोड़ेंगे.

दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में शाम छह बजे से ही पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगीं.

इलाके के कई दुकानदार प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए बच्चों को छोटे पटाखे बेचते दिखे.

दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में भी कुछ लोगों ने पटाखे फोड़े.

शाम साढ़े छह बजे के बाद से दूर-दराज के घरों से रुक-रुककर पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगीं. कुछ इलाकों में कम और कुछ इलाकों में ज्यादा तीव्रता वाले पटाखे फोड़े गए.

उधर, लक्ष्मी नगर के ललिता पार्क इलाके में शाम साढ़े सात बजे तक बहुत कम पटाखे फोड़े गए. स्थानीय लोगों ने कहा कि बाद में रात में आतिशबाजी बढ़ सकती है.

पूर्वी दिल्ली के कई अन्य इलाकों में कम पटाखे फोड़े गए. हालांकि, इन इलाकों के निवासियों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस साल आतिशबाजी न के बराबर हुई है.

सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर को कहा था कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य पर लागू होता है और यह केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है, जो गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है.


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