नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के जवान नम्रता और शालीन व्यवहार के लिए कतई मशहूर नहीं हैं, लेकिन निकट भविष्य में ऐसा संभव हो सकता है. क्योंकि इसके लिए इंडिगो के केबिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ की तरफ से पुलिस को सॉफ्ट-स्किल ट्रेनिंग दी गई है.
इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बल के प्रति सोच में बदलाव, बॉडी लैंग्वेज स्किल, विषम परिस्थितियों का सामना करना, सांस्कृतिक संवेदनशीलता, भावनाओं पर काबू पाना और भेदभाव-विरोधी व्यवहार सिखाना शामिल हैं. उम्मीद है कि फ्लाइट अटेंडेंट कि तरफ से मिली ट्रेनिंग के बाद पुलिस के व्यवहार में बदलाव आएगा, संवेदनशीलता बढ़ेगी और अंततः पुलिस बल के बारे में नकारात्मक सोच बदलेगी.
इंडिगो एयरलाइंस के आईफ्लाई ट्रेनिंग सेंटर में पहले बैच का प्रशिक्षण पिछले नवंबर में पूरा हुआ था, जिसमें दिल्ली पुलिस के 12 इंस्पेक्टर-सह-प्रशिक्षकों ने कोर्स पूरा किया. इन निरीक्षकों ने बॉडी लैंग्वेज, भावनाओं और संवेदनशीलता आदि के बारे में जो सीखा है, वही अब करीब 5,000 कांस्टेबलों को सिखाएंगे.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि सॉफ्ट-स्किल ट्रेनिंग पहले से ही पुलिस प्रशिक्षण का अभिन्न अंग है लेकिन केबिन क्रू से मिलने वाली ट्रेनिंग की यह पहल खासकर पुलिस और जनता के बीच खाई पाटने में मददगार होगी.
दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त (मानव संसाधन विभाग) सुंदरी नंदा ने दिप्रिंट को बताया, ‘इंडिगो एयर होस्टेस की तरफ से ट्रेनिंग की पहल यह देखते हुए की गई कि सॉफ्ट-स्किल ट्रेनिंग में बॉडी लैंग्वेज, संवेदनशीलता और कम्युनिकेशन ये तीन बातें सबसे ज्यादा जरूरी होती हैं.’
नंदा ने आगे कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल पुलिस कर्मियों को विनम्र और धैर्यशील बनाए रखने बल्कि यौन उत्पीड़न के मामलों जैसे संवेदनशील अपराधों के दौरान स्थितियों को बेहतर ढंग से संभालने और जन आक्रोश और भीड़ हिंसा जैसी घटनाओं के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैयार करने में मददगार होगा.
दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने आईफ्लाई से पहले भी ट्रेनिंग ली है, लेकिन ऐसी पिछली पहल में दायरा अधिक सीमित रहा है.
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अधिक ‘धैर्यशील, विनम्र, समाधान-उन्मुख’ पुलिस
अपनी पहचान उजागर न करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इंडिगो के कर्मचारी पिछले साल 10 से 16 नवंबर के बीच छह दिवसीय कार्यक्रम में ‘सुरक्षा इकाई, यातायात इकाई, जिला पुलिस और लाइसेंसिंग’ से जुड़े 12 अधिकारियों को प्रशिक्षित कर चुके हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘दो और बैच भी जल्द ही एयरलाइन कर्मचारियों के साथ प्रशिक्षण के लिए भेजे जाएंगे.’
नंदा ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य पुलिस को दिल्ली की विविधतापूर्ण आबादी के साथ अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ने के लिए तैयार करना था.
नंदा ने कहा, ‘पुलिस बल के बारे में नकारात्मक धारणा एक बड़ी समस्या बनी हुई है और सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग से इसे बदलने में मदद मिलने की उम्मीद है. राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली में विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोग होते हैं और इसलिए पुलिस कर्मियों के लिए बेहद अहम है कि वे जनता के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए यह प्रशिक्षण हासिल करें.’
उन्होंने कहा, ‘सॉफ्ट-स्किल्स की ट्रेनिंग पुलिस कर्मियों के लिए परेशान जनता के प्रति संवेदनशील होने और मुद्दों को सुलझाने, कानून-व्यवस्था कायम रखने के मामले में सीखने, समझने और आगे बढ़ने में मददगार है.’
नंदा ने बाकायदा उदाहरण देकर समझाया कि ये कौशल विषम परिस्थितियों में कैसे कारगर होगा.
नंदा ने बताया, ‘यह प्रशिक्षण पुलिस को नागरिक मुद्दों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाएगा…उदाहरण के तौर पर, उन्हें इस बारे में जागरूक किया जाएगा कि यौन उत्पीड़न या घरेलू हिंसा की शिकायतकर्ता को कैसे अधिक सहज महसूस कराएं अथवा भीड़ हिंसा या सामान्य तौर पर जनता के नाराजगी जताने जैसी स्थितियों से कैसे निपटें और खुद को किस तरह शांत रखें. मूल रूप से यह ट्रेनिंग धैर्यशील, विनम्र और साथ ही समस्याओं का समाधान सुझाने में सक्षम बनाने के लिए है.’
अधिक संवेदनशील बनाने की कोशिश
नंदा ने दिप्रिंट को बताया कि गृह मंत्रालय की तरफ से सॉफ्ट-स्किल ट्रेनिंग की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है. और हाल के वर्षों में इस दिशा में कई पहल भी की गई हैं.
उदाहरण के तौर पर, पिछले अक्टूबर में दिल्ली पुलिस अकादमी ने इंटरनेशनल होटल एसोसिएशन, जीएमआर एविएशन अकादमी और इंडिगो के सहयोग से चार दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें 380 सब-इंस्पेक्टर को सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग दी गई.
जनवरी 2019 में भी 17 पुलिस कर्मियों के एक बैच ने गुरुग्राम स्थित आईफ्लाई ट्रेनिंग सेंटर में ‘छह एस’ अर्थात् स्वागत, संपर्क, सहानुभूति, सम्मान, सभ्यता, और समय पर ध्यान केंद्रित करते हुए ट्रेनिंग ली थी.
दिल्ली पुलिस सरकार के कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के सहयोग से 500 ट्रेनर्स को प्रशिक्षित कराने की योजना भी बना रही है. इसके बाद ये ट्रेनर 35,000 पुलिस कर्मियों को सॉफ्ट-स्किल ट्रेनिंग देंगे.
पूर्व में उद्धृत अनाम अधिकारी ने कहा, ‘यातायात पुलिस, पुलिस थानों में तैनात स्थानीय पुलिस, पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) में इमरजेंसी कॉल में अटैंड करने वाले पुलिस कर्मी इस ट्रेनिंग का हिस्सा बनेंगे.’
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