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Saturday, 4 May, 2024
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जामिया के छात्र को पीटने वाला दंगा कवच पहने व्यक्ति ‘आरएसएस स्वयंसेवक’ नहीं, एएटीएस का कांस्टेबल है: दिल्ली पुलिस

वीडियो जिसमें एक आदमी जामिया के छात्र को मारते हुए सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. कई यूज़र ने उसकी पहचान आरएसएस वोलिंटियर के रूप में की. पुलिस ने कहा वह एएटीएस का कांस्टेबल है.

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नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के विरोध प्रदर्शन और बाद में दिल्ली पुलिस द्वारा रविवार को सुर्खियों में आने के बाद, सोशल मीडिया पर इससे संबंधित खबरें और वीडियो की लगभग बाढ़ सी ही आ गई और इनमें से कुछ खूब वायरल हो गए.

ऐसे ही एक वीडियो में जामिया की कुछ छात्राएं भी दिखाई दे रहीं हैं जो दिल्ली पुलिस से अपने एक साथी छात्र को बचाने के लिए भिड़ती दिखाई दे रही हैं. क्योंकि पुलिस उसे लगातार पीटे जा रही है. इन पुलिसकर्मियों में एक व्यक्ति लाल टी-शर्ट और नीली जींस में दिखाई दे रहा है जिसने दंगे के दौरान पहने जाने वाला गियर (सुरक्षा कवच) भी पहन रखा है, इस व्यक्ति के लिए लोग दावा कर रहे हैं कि वह ‘आरएसएस स्वयंसेवक’ है. दिल्ली पुलिस ने हालांकि इस दावे का खंडन किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि वह वास्तव में एक कांस्टेबल है जो दक्षिण जिले के एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वाड (AATS) के साथ तैनात है.

उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल होनी शुरू हुई लोगों ने उस व्यक्ति की पहचान भरत शर्मा के रूप में की, वह एक आरएसएस स्वयंसेवक है और एबीवीपी (अखिल भारतीय विश्व परिषद) के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में पहचाना गया. लोगों ने सवाल करना शुरू किया कि कैसे उसे दंगा गियर पहनने और की अनुमति दी गई और वह कैसे जामिया के छात्रों पर लाठीचार्ज करने के लिए पुलिस के साथ उस दौरान मौजूद था.

डीसीपी (सेंट्रल) एम.एस. रंधावा ने दिप्रिंट को बताया, ‘वह भरत शर्मा नहीं है. यह एक और झूठ है जो दिल्ली पुलिस की छवि को धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है. वह वास्तव में, दक्षिण जिले में एएटीएस के एक कांस्टेबल हैं, जिसे इलाके में कानून और व्यवस्था की ड्यूटी पर भी तैनात किया गया था.’

सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ चलाए गए इस मामले में जिसमें एक यूज़र निसार@nisarpari ने ट्वीट किया: ‘दिल्ली पुलिस ने इसे कैसे होने दिया …’

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हैंडल पर उसने भरत शर्मा की प्रोफाइल भी पोस्ट की, जिससे पता चलता है कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में लॉ स्टूडेंट हैं और आरएसएस के स्वयंसेवक भी है.

क्या पुलिसवाले सादे कपड़ों में तैनात नहीं हो सकते? 

पुलिस के एक सूत्र के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद एएटीएस (AATS) की एक टीम को रविवार को बुलाया गया था.

अधिकारी ने कहा, ‘क्या सादे कपड़ों में ड्यूटी पर पुलिसकर्मी तैनात नहीं हो सकते? यह कोई नई बात नहीं है और इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.’

पुलिस की विशेष यूनिट जिसमें एएटीएस और स्पेशल सेल के पुलिसवाले अधिकतर समय सिविल कपड़ों में ही कार्रवाई करते हैं.

एक अन्य ट्विटर यूज़र ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें एक छात्र को एक छात्र ने विश्वविद्यालय परिसर में मारते हुए दिखाया, और दावा किया कि वह भरत शर्मा है.

वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, पुलिस ने कहा कि वे व्यक्ति की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि दंगा गियर पहने दिल्ली पुलिसकर्मियों के साथ फोटो में देखा गया व्यक्ति वह नहीं है.

पुलिस अधिकारी ने कहा ‘छात्र को मारने वाला व्यक्ति जो वीडियो में दिखाई दे रहा है वह कोई और है कांस्टेबल अरविंद नहीं है. हम वीडियो की जांच कर रहे हैं. हम अभी भी स्पष्ट नहीं हैं कि यह वीडियो दिल्ली विश्वविद्यालय है या किसी अन्य परिसर का है. जल्द ही उसकी पहचान हो जाएगी.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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