नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) वियतनाम में फर्जी नौकरी गिरोह चलाने वाले ठगों के साथ जुड़े दो लोगों को दिल्ली के एक व्यक्ति से 3.12 लाख रुपये की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में नौकरी की तलाश कर रहे भारतीयों को निशाना बनाता था। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 1,000 किलोमीटर तक का क्षेत्र कवर करने के बाद तीन दिनों तक चली छापेमारी में गिरोह के मास्टरमाइंड सहदेव सिंह (37) और उसके सहयोगी नीरज (37) को एटा से पकड़ा गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान सिंह ने खुलासा किया कि उसने वियतनाम में गिरोह चलाने वालों के साथ काम किया था, जो ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में रोजगार चाहने वाले भारतीयों को निशाना बनाकर फर्जी नौकरी गिरोह चलाते थे।
पुलिस ने बताया कि यह मामला तब प्रकाश में आया जब बुराड़ी निवासी 40 वर्षीय आतिथ्य एवं पर्यटन प्रबंधन पेशेवर ने शिकायत की कि ऑस्ट्रेलिया का वीजा और वहां नौकरी दिलाने का वादा कर उसके साथ 3.12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई।
अधिकारी ने कहा, ‘शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से उससे संपर्क किया, जिसने खुद को मयंक पांडे बताया और उसका विश्वास जीतने के लिए वियतनाम के लिए वीजा की व्यवस्था की।’
पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने आरोपी को 3.12 लाख रुपये हस्तांतरित कर दिए, लेकिन न तो वादा की गई नौकरी मिली और न ही पैसे वापस मिले।
पुलिस ने बताया कि छह सितंबर को मामला दर्ज किया गया और एक समर्पित पुलिस टीम ने तकनीकी जांच शुरू की। अपनी पहचान छिपाने के लिए सिंह विदेशी सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था और मयंक पांडे, राहुल कुमार और अजय यादव जैसे नामों से काम करता था।
पुलिस ने आरोपी से जुड़े कई बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगा दी है।
अधिकारियों ने बताया कि आगे की जांच जारी है।
भाषा
शुभम माधव
माधव
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