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दिल्ली उच्च न्यायालय से कोचिंग सेंटर मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध

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नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय के एक वकील ने एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय राजधानी में सभी संस्थानों और पुस्तकालयों की सुरक्षा ऑडिट का आदेश देने का सोमवार को अनुरोध किया।

अधिवक्ता सत्यम सिंह ने उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा कि यह घटना उन क्षेत्रों में ‘शैक्षणिक संस्थानों में लापरवाही के बड़े पैटर्न का हिस्सा है’ जहां दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के नियमों का घोर उल्लंघन करते हुए ‘अनगिनत’ कोचिंग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।

सिंह ने पत्र में कहा, “ऐसी घटनाएं बार-बार होना छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में व्यवस्थागत विफलता की ओर इशारा करती हैं। शिक्षा का अधिकार … अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार की कीमत पर नहीं आना चाहिए।”

उन्होंने कहा, ‘युवाओं की जान जाने से रोकने और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए त्वरित व निर्णायक न्यायिक हस्तक्षेप अत्यंत आवश्यक है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मामले को अत्यंत सार्वजनिक महत्व का मामला मानकर इसका संज्ञान लें और हमारे छात्रों के भविष्य की रक्षा के लिए उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करें।’

उल्लेखनीय है कि शनिवार शाम दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग संस्थान के ‘बेसमेंट’ में बारिश का पानी घुसने के बाद तीन छात्रों की मौत हो गई थी।

घटना में जान गंवाने वाले छात्रों की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल स्थित एर्नाकुलम के नवीन दलविन के रूप में हुई है।

भाषा

जोहेब दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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