नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने फीस विवाद के चलते दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) द्वारका द्वारा 30 से अधिक विद्यार्थियों को निकाले जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने स्कूल और पीड़ित अभिभावकों के वकीलों की दलीलें सुनीं।
अभिभावकों ने विद्यार्थियों को नौ मई को निष्कासित करने को लेकर स्कूल से संबंधित लंबित मामले में एक आवेदन दायर किया था।
स्कूल ने सोमवार को कहा कि 32 पीड़ित छात्रों में से एक को दूसरे स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
मुनाफाखोरी के आरोपों का खंडन करते हुए स्कूल के वकील ने तर्क दिया कि संस्थान घाटे में है और अभिभावकों को उचित नोटिस भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्कूल को पिछले 10 साल में 31 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है। वकील ने कहा, ‘‘मेरे वेतन और खर्च में घाटा हुआ है। मैं कैसे काम चलाऊं? इन छात्रों पर 42 लाख रुपये बकाया हैं।’’
उन्होंने कहा कि माता-पिता ने राहत के लिए एक अलग याचिका भी दायर की है जो एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित है।
दूसरी ओर, अभिभावकों के वकील ने दोहराया कि स्कूल ने फीस वृद्धि पर रोक लगाने वाले पिछले प्रशासनिक और न्यायिक आदेशों का उल्लंघन किया है।
भाषा नोमान नेत्रपाल
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