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Saturday, 20 September, 2025
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को बंगला आवंटित करने में देरी के लिए केंद्र की खिंचाई की

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नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय राजधानी में आवास आवंटित करने में देरी के लिए केंद्र सरकार की खिंचाई की।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण निष्पक्ष होना चाहिए और वह चुनिंदा तरीके से यह तय नहीं कर सकती कि किसे आवास आवंटित किया जाएगा।

न्यायाधीश ने केंद्र से 18 सितंबर तक सामान्य आवासीय पूल और वर्तमान प्रतीक्षा सूची से मकानों के आवंटन को नियंत्रित करने वाली नीति का विवरण प्रस्तुत करने को कहा।

अदालत आम आदमी पार्टी (आप) की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें केंद्र को दिल्ली में केजरीवाल को आवास आवंटित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

‘आप’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि सरकारी वकील ने पहले 35, लोधी एस्टेट स्थित बंगला केजरीवाल को आवंटित करने के पार्टी के प्रस्ताव पर निर्देश लेने के लिए समय मांगा था, लेकिन इसे किसी और को आवंटित कर दिया गया।

यह बंगला इस साल मई में बसपा प्रमुख मायावती ने खाली किया था।

मेहरा ने बताया कि बाद में, केंद्र सरकार के वकील ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए बार-बार समय मांगा। उन्होंने दलील दी कि सुनवाई की पिछली दो तारीखों पर, केंद्र ने अदालत में मामले को टालना जारी रखा और बंगला किसी और को आवंटित कर दिया।

एएसजी चेतन शर्मा ने स्वीकार किया कि 35, लोधी एस्टेट बंगला एक राज्य मंत्री को आवंटित किया गया है और उन्होंने अदालत से आवंटन का विवरण देने के लिए कुछ समय देने का आग्रह किया।

सरकारी आवासों के लिए ‘‘लंबी प्रतीक्षा सूची’’ का हवाला देते हुए शर्मा ने कहा कि कोई राजनीतिक दल किसी विशेष बंगले के आवंटन की मांग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ‘‘जब भी संभव होगा’’ केजरीवाल को आवास आवंटित किया जाएगा।

उच्च न्यायालय ने केंद्र से यह भी पूछा कि 35, लोधी एस्टेट बंगला राज्य मंत्री को कब आवंटित किया गया था।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है, आपने 35, लोधी एस्टेट बंगला आवंटित कर दिया है। आपको इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं है। पिछली बार भी यही हुआ था। पिछले दिन भी। रिकॉर्ड के लिए स्पष्ट निर्देश थे। प्रतीक्षा सूची आवंटन में बाधा नहीं डाल सकती।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं सामान्य पूल से आवंटन संबंधी नीति के बारे में जानना चाहता हूं। प्रतीक्षा सूची क्या है? आप चुनिंदा रवैया नहीं अपना सकते। मैं देखना चाहता हूं कि यह (35 लोधी एस्टेट) कब आवंटित किया गया है। 26 अगस्त से पहले या उसके बाद, यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है।’’

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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