scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशदिल्ली सरकार की लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं, बाजारों पर पाबंदियां लागू हो सकती हैः मनीष सिसोदिया

दिल्ली सरकार की लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं, बाजारों पर पाबंदियां लागू हो सकती हैः मनीष सिसोदिया

दिल्ली में 28 अक्टूबर से कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जब पहली बार एक दिन में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे.

Text Size:

नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार की लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर कुछ दिनों के लिए बाजारों में कुछ पाबंदियां लागू की जा सकती हैं.

सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय में पत्रकारों से कहा कि लॉकडाउन महामारी का समाधान नहीं है. इससे उचित चिकित्सकीय प्रबंधन के जरिए निपटा जा सकता है जो सरकार कर रही है.

दिल्ली में 28 अक्टूबर से कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जब पहली बार एक दिन में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे. इसके बाद 11 नवंबर को एक दिन में आठ हजार से भी ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए.

सिसोदिया ने कहा, ‘हमारी लॉकडाउन लगाने की कोई मंशा नहीं है. मैं स्पष्ट कर दूं कि हमने केंद्र सरकार को कुछ नियमों के संबंध में सामान्य प्रस्ताव भेजा है जैसे उन बाजारों को कुछ दिन के लिए बंद करना जहां कोविड-19 उचित व्यवहार और एक-दूसरे से दूरी बनाने के मानक के उल्लंघन से संक्रमण के तेजी से बढ़ने का खतरा है.’

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने मास्क नहीं लगाने और बाजारों में भीड़ जैसे उल्लंघनों को रोकने के उपायों का प्रस्ताव किया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि केंद्र सरकार और सभी एजेंसियां दिल्ली में कोरोनावायरस की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ‘दोगुने प्रयास’ कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले दिल्ली के कुछ लोकप्रिय बाजारों में भारी भीड़ देखी गई थी और एक-दूसरे से दूरी बनाने का भी पालन नहीं किया गया था जिससे कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हुई.

केजरीवाल ने कहा था, ‘हालिया स्थिति देखते हुए और केंद्र सरकार के पिछले आदेश पर विचार करते हुए, हमने केंद्र से आग्रह किया है कि जरूरत पड़ने पर बाजारों को बंद करने की इजाजत दी जाए.’

दिल्ली में मंगलवार को 6396 नए मामलों पुष्टि हुई थी और 99 संक्रमितों की मौत हुई थी. इसके बाद कुल मामले 4.95 लाख के पार पहुंच गए हैं जबकि मृतक संख्या 7812 हो गई है.


यह भी पढ़ें: बिहार के नतीजों से UP के नेताओं के लिए ये तीन बड़े सबक जो 2022 में अहम साबित हो सकते हैं


 

share & View comments