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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशकोर्ट ने न्यूज़क्लिक के HR प्रमुख को UAPA मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी, माफ भी किया

कोर्ट ने न्यूज़क्लिक के HR प्रमुख को UAPA मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी, माफ भी किया

दिल्ली पुलिस का आरोप है कि न्यूज़क्लिक को अमेरिका स्थित करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से 'अवैध धन' मिला, जिसके बारे में माना जाता है कि वह 'चीनी प्रचार के वैश्विक जाल' के 'केंद्र में' है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को न्यूज़क्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को समाचार पोर्टल के जरिए से चीन समर्थक प्रचार को बढ़ावा देने के लिए प्राप्त कथित धन से संबंधित एक मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी.

अपने पूर्व बॉस और न्यूज़क्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ मामले में सरकारी गवाह बनने का अनुरोध करने के बाद न्यायाधीश ने चक्रवर्ती को माफ भी कर दिया.

बता दें कि सरकारी गवाह वो व्यक्ति होता है जो किसी अपराध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होता है या उसकी जानकारी रखता है. यह उस मामले में एक अभियुक्त भी हो सकता है जो बाद में सूचना प्रदान करने की शर्तों पर अभियोजन पक्ष का पक्ष लेकर सरकारी गवाह बन सकता है. ऐसा कम सज़ा या माफी के बदले में किया जाता है.

चक्रवर्ती और पुरकायस्थ दोनों न्यायिक हिरासत में हैं.

इससे पहले, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक मामले में अपनी जांच के लिए तीन महीने का समय मांगा था. अदालत ने मंगलवार की बजाय दो महीने की मोहलत दी है.

अक्टूबर में दिल्ली पुलिस ने चक्रवर्ती, पुरकायस्थ, भीमा कोरेगांव के आरोपी गौतम नवलखा और अन्य पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ धारा 13,16, 17 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18 और 22 सी के तहत मामला दर्ज किया था.

पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया और फ्रीलांसरों और न्यूज़क्लिक के पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों सहित 50 से अधिक पत्रकारों से पूछताछ की गई. उनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को स्पेशल सेल ने जब्त कर लिया. मामले के सिलसिले में दिसंबर में एक्टिविस्ट नवलखा से भी पूछताछ की गई थी.

दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि न्यूज़क्लिक को अमेरिका स्थित करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से “अवैध धन” प्राप्त हुआ. पिछले साल अगस्त में द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिंघम “चीनी प्रचार के वैश्विक वेब” के “केंद्र में” थे.

पुलिस का दावा है कि मीडिया आउटलेट ने देश भर में किसान आंदोलन, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोध और भीमा कोरेगांव जैसे विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बारे में अपने कवरेज के माध्यम से एक नैरेटिव सेट करने के लिए “चीन से अवैध रूप से प्राप्त धन” का इस्तेमाल किया और इन फंड्स का इस्तेमाल सरकार के “कोविड संकट से निपटने” को “बदनाम” करने के लिए किया गया था.

19 दिसंबर को एक बयान में न्यूज़क्लिक ने कहा कि वह 18 दिसंबर के बाद से कोई भी बैंक भुगतान करने में असमर्थ है.

बयान में कहा गया, “यह कार्रवाई, जिसने हमारे खातों को वस्तुतः फ्रीज कर दिया है, समाचार पोर्टल की प्रशासनिक-कानूनी घेराबंदी की निरंतरता प्रतीत होती है, जो फरवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के साथ शुरू हुई, जिसके बाद सितंबर 2021 में आईटी विभाग का सर्वेक्षण हुआ और 3 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा कार्रवाई की गई और न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती को उसी दिन गिरफ्तार किया गया था और वो अभी भी जेल में बंद हैं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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